ब्रोकरेज फर्मों के रेफरल प्रोग्राम की हो सकती है वापसी, जानिए क्या है यह पूरा मामला

हाल के सालों में कैपिटल मार्केट्स के डेवलपमेंट में रेफरल पार्टनर्स की अहम भूमिका रही है। इनवेस्टर्स को शिक्षित करने के साथ ही ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्मों की ग्रोथ में भी उनका योगदान रहा है। हालांकि, कई ब्रोकरेज फर्मों के रेफरल प्रोग्राम से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से, जानबूझकर या अनजाने में अवैध इनवेस्टमेंट एडवायजरी को बढ़ावा मिला है

अपडेटेड Mar 04, 2025 पर 2:24 PM
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अभी रेफरल पार्टनर्स के लिए नियम नहीं हैं।

सेबी रेफरल पार्टनर्स के लिए जल्द व्यापक नियम एवं शर्तों का ऐलान कर सकता है। इसमें रेफरल पार्टनर की फीस, उसकी योग्यता और कंप्लायंस का भी उल्लेख होगा। सेबी के फ्रेमवर्क में रेफरल पार्टनर के रोल के बारे में बताया जाएगा। इस मसले से करीब से जुड़े सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह बताया। सूत्र ने बताया कि मार्केट रेगुलेटर इस बारे में जल्द एक कंसल्टेशन पेपर जारी करने वाला है। व्यापक चर्चा के बाद इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है।

कैपिटल मार्केट्स के डेवलपमेंट में भूमिका

अभी रेफरल पार्टनर्स (Referral Partners) के लिए नियम नहीं हैं। इससे पहले स्टॉक्स एक्सचेंजों के निर्देश पर रेफरल प्रोग्राम पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन, बाद में स्टॉक एक्सचेंजों ने निर्देश वापस ले लिए थे। हाल के सालों में कैपिटल मार्केट्स के डेवलपमेंट में रेफरल पार्टनर्स की अहम भूमिका रही है। इनवेस्टर्स को शिक्षित करने के साथ ही ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्मों की ग्रोथ में भी उनका योगदान रहा है। ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म Zerodha के सीईओ नितिन कामत ने 2023 में लिखा था कि रेफरल प्रोग्राम और पार्टनर प्रोग्राम से 10 फीसदी नए बिजनेसेज आते हैं।


अवैध इनवेस्टमेंट एडवाजरी प्रैक्टिसेज को बढ़ावा

हालांकि, कई ब्रोकरेज फर्मों के रेफरल प्रोग्राम से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से, जानबूझकर या अनजाने में अवैध इनवेस्टमेंट एडवायजरी को बढ़ावा मिला है। चूंकि, रेफरल पार्टनर्स को ब्रोकरेज फर्में कमीशन में हिस्सेदारी देती थीं, जिससे उन्होंने X और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया चैनल्स पर सलाह देनी शुरू कर दी। वे रिसर्च एनालिस्ट या इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के रूप में खुद को रजिस्टर्ड कराए बगैर निवेश की सलाह देने लेगे। इसके बाद सेबी ने इस पर अंकुश लगाने का फैसला किया।

सेबी जारी कर चुका है कई सर्कुलर 

सेबी ने 22 अक्टूबर, 2024 को एक सर्कुलर जारी किया। इसके जरिए एसोसिएशन ऑफ रेगुलेटेड एनटिटीज पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इससे फिनफ्यूएंसर्स जैसे अनरजिस्टर्ड एनटिटीज भी इसके दायरे में आ गए। खासकर वे जो सेबी की इजाजत के बगैर इनवेस्टमेंट एडवाइस या एश्योर्ड रिटर्न का दावा करते थे। सेबी ने 29 जनवरी, 2025 को एक सर्कुलर जारी किया। इसमें मार्केट रेगुलेटर ने यह साफ किया कि यहां तक कि एक क्लाइंट को रेफर करना भी एसोसिएशन की परिभाषा के दायरे में आएगा।

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एनएसई ने भी जनवरी में जारी किया था सर्कुलर

24 जनवरी, 2025 को NSE की तरफ से जारी एक सर्कुलर में कहा गया कि एक्सचेंज को ट्रेडिंग मेंबर्स/मेंबर्स एसोसिएशन का रिप्रजेंटेशन मिला है। इसमें कहा गया है कि लोगों/एनटिटीज की खास कैटेगरी को ट्रेडिंग मेंबर के पास AP के रूप में खुद को रजिस्टर्ड कराए बगैर क्लाइंट्स रेफर करने की इजाजत दी जा सकती है। उसने यह भी कहा था कि इस प्रस्ताव पर विचार हो रहा है।

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