सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने 16 दिसंबर को जारी सेकुलर के जरिए पोर्टफोलियो मैनजरों के लिए उनके स्कीम्स के परफॉर्मेंस के बेंचमार्किंग और इसके प्रदर्शन की रिपोर्टिंग के नियमों में बदलाव किए हैं। अब इन नियमों और कड़ा कर दिया गया है। यह नए नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे। शुक्रवार को जारी अपने इस सर्कुलर के जरिए सेबी ने पोर्टफोलियो मैनजरों को इक्विटी, डेट,हाइब्रिड और मल्टीएसेट के तौर पर अलग-अलग व्यापक निवेश स्ट्रैटजी अपनाने के निर्देश दिये हैं।
सेबी ने एसोसिशन ऑफ पोर्टफोलियो मैनेजर्स इन इंडिया (APMI) से संबंधित सभी नीतियों के लिए अब ज्यादा से ज्यादा 3 मानक तय करने के निर्देश दिए हैं। इनसे ही पोर्टफोलियो मैनजर्स इन्वेस्टमेंट एप्रोच (IA) टैग चुन सकेंगे। अब पोर्टफोलियों मैनेजर्स ग्राहकों को बगैर एक्जिट लोड के बाहर निकलने का आप्शन देकर ही टैंगिग में बदलाव कर सकेंगे।
सेबी ने पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए परफॉर्मेंस बेंचमार्किंग गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि अब ग्राहकों के फंड का मैनेजमेंट करते समय फंड मैनेजरों को व्यापक रूप से परिभाषित इन्वेस्टमेंट रणनीति की जानकारी देनी होगी।
प्रभुदास लीलाधर के सिद्धार्थ वोरा का कहना है कि यह सेबी द्वारा उठाया गया एक अच्छा कदम है। इससे ब्रोकरों को स्कीमों की विशिष्ट कैटेगरी बनाने में सहायता मिलेगी और ग्राहकों को निवेश स्कीमों को अच्छे तरीके से समझने में आसानी होगी। इसके साथ ही स्कीमों में पारदर्शिता आएगी। इसके जरिए किसी निवेश थीम के प्रदर्शन को सही तरीके जाना जा सकेगा।
सेबी नियमों के तहत अब किसी AI (इन्वेस्टमेंट एप्रोच ) के परफॉर्मेंस का विज्ञापन करते समय पोर्टफोलियों मैनेजर को दिए गए बेंचमार्क के पिछले रिटर्न के साथ ही इस इन्वेस्टमेंट एप्रोच के टाइम वेटेड रेट ऑफ रिटर्न (TWRR) का भी विवरण देना होगा।