SEBI vs Scam: बाजार नियामक सेबी ने स्कैम यानी फर्जीवाड़े के खिलाफ लड़ाई में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक लाख से अधिक मैसेजेज और पोस्ट हटाए गए। डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए सेबी ने गुमराह करने वाले मैसेजेज और पोस्ट के खिलाफ यह कार्रवाई की। यह खुलासा खुद सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडेय ने सीएनबीसी-टीवी18 के एक समारोह में किया। बता दें स्कैम के खिलाफ सेबी की मुहिम खुदरा निवेशकों की सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसमें फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स, नकली वेबसाइट्स, रिटर्न के झूठे दावे और बिना पंजीकरण वाले सलाहकारों से बढ़ते खतरे को दिखाया गया है।
SEBI vs Scam: क्या है यह मुहिम?
सेबी के प्रमुख का कहना है कि अनरेगुलेटेड फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर्स बड़ा खतरा हैं और सेबी के हाललिया सर्वे में सामने आया है कि करीब 62% निवेशक निवेश पर फैसले को लेकर इंफ्लूएंसर्स के टिप्स पर निर्भर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि निवेशकों के सुरक्षा की शुरुआत उनकी शिक्षा से होती है, खासकर ऐसे माहौल में जहाँ भ्रामक जानकारियां बहुत तेजी से फैलती हैं। इसी से निपटने के लिए “SEBI vs Scam” अभियान शुरू किया गया और इसका फोकस सक्रिय तरीके से निगरानी और जन-जागरूकता पर है।
सेबी ने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग तेज की है। भ्रामक कंटेंट को हटाने के लिए इन्हें रिपोर्ट किया है, और स्टॉक एक्सचेंजों को नियमित रूप से जेनुईन यानी सही ब्रोकरेज ऐप्स की व्हाइटलिस्ट पब्लिश करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सेबी ने Valid UPI और Sebi Check जैसे नए वेरिफिकेशन टूल्स भी शुरू किए हैं, जिनकी मदद से निवेशक रजिस्टर्ड इंटरमीडिएट्स से जुड़े बैंक खाते और QR कोड आसानी से वेरिफाई कर सकते हैं। सेबी के प्रमुख के मुताबिक साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए ये अहम सुरक्षा कवच हैं।
सेबी के सामने दोहरी चुनौती
सेबी के मुताबिक देश भर के निवेशकों के बीच हुए सर्वे में सामने आया कि अगले साल वित्तीय रूप से जानकार गैर-निवेशक मार्केट में आना चाहते हैं और मौजूदा निवेशकों में 36% के पास वित्तीय जानकारी मध्यम या हाई लेवल की है। हालांकि निवेश को लेकर जागरुकता अभी भी हर जगह बराबर नहीं है और शहरों में इसका आंकड़ा 15% तो गांवों में सिर्फ 6%। सेबी के सर्वे के मुताबिक 37% को सिक्योरिटीज मार्केट प्रोडक्ट्स की जानकारी नहीं है तो 27% नॉन-इंवेस्टर्स को यही नहीं पता कि निवेश की शुरुआत कैसे करें।
सेबी प्रमुख का कहना है कि उनके सामने दोहरी चुनौती -एक तरफ जागरूकता और वास्तविक भागीदारी के बीच की खाई को पाटना, और दूसरी तरफ मार्केट की जटिलता और खतरों से डरकर दूर रहने वाले संभावित निवेशकों में भरोसा पैदा करना। इसे लेकर सेबी डिजिटल मीडिया, मल्टीमीडिया कंटेंट, फिजिकल आउटरीच और देश की कई भाषाओं में कम्युनिकेशन के जरिए एडुकेशन कैंपेन शुरू करने की योजना बना रही है।