कई महीने बाद जुलाई में स्टॉक मार्केट में रौनक लौट आई। इस महीने Sensex और Nifty में करीब 5-5 फीसदी मजबूती आई। यह 11 महीने में सबसे ज्यादा है। इस मजबूती में बैंकिंग, ऑटो और कंज्यूमर शेयरों का सबसे ज्यादा योगदान रहा।
कई महीने बाद जुलाई में स्टॉक मार्केट में रौनक लौट आई। इस महीने Sensex और Nifty में करीब 5-5 फीसदी मजबूती आई। यह 11 महीने में सबसे ज्यादा है। इस मजबूती में बैंकिंग, ऑटो और कंज्यूमर शेयरों का सबसे ज्यादा योगदान रहा।
जुलाई में सेंसेक्स 5.4 फीसदी चढ़ा, जबकि निफ्टी में 4.5 फीसदी तेजी आई। यह पिछले साल अगस्त के बाद एक महीने में आई सबसे ज्यादा तेजी है। बीते चार महीने में यह पहली बार है कि दोनों सूचकांकों का रिटर्न पॉजिटिव है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को इंटरेस्ट रेट 0.75 फीसदी (75 बेसिस प्वॉइंट्स) बढ़ा दिया। उम्मीद 100 बेसि प्वॉइंट्स यानी एक फीसदी वृद्धि की थी। फेडरल रिजर्व ने भविष्य में इंटरेस्ट रेट 3 से 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
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अमेरिकी केंद्रीय बैंक अपनी कमेंटरी में मार्केट को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि इंटरेस्ट रेट में वृद्धि का यह दौर बहुत लंबा नहीं चलेगा। यह मार्केट के अनुमान के उलट है। एनालिस्ट्स का कहना है कि इसका दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।
HDFC Securities में हेड (रिटेल रिसर्च) दीपक जसानी ने कहा, "इंटरेस्ट रेट बढ़ाने में नरमी की उम्मीद की वजह यह है कि मौद्रिक नीति को सख्त बनाने का असर दुनियाभर में दिख रहा है। कमोडिटी की कीमतों में नरमी आ ही है। ड्यूरेबल रिसेशन का रिस्क भी घट गया है। इस वजह से ट्रेडर्स सस्ते भाव पर शेयर खरीद रहे हैं, जिससे कुछ लोग शॉर्ट कवरिंग को मजबूर हुए हैं।"
Nifty IT और Nifty Oil & Gas को छोड़ जुलाई में सभी सूचकांक चढ़े हैं। निफ्टी आईटी में 1.52 फीसदी गिरावट आई है, जबकि निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.65 फीसदी कमजोर हुआ है।
आईटी इंडक्स के गिरने की कई वजहें हैं। इनमें सप्लाई साइड शॉर्टेज को लेकर चिंता, मार्जिन में गिरावट. ज्यादा एट्रिशन, बढ़ते सब-कॉन्ट्रैक्ट्स और ट्रैवल कॉस्ट शामिल हैं। ऑयल एंस गैस सेक्टर में दबाव रहने की वजह पिछले कुछ हफ्तों में रिफाइनिंग मार्जिन में आई तेज गिरावट है। सरकार ने कंपनियों पर एडिशनल ड्यूटी भी लगा दी थी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में वीपी (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, "जून के अपने निचले स्तर से मार्केट्स ने शानदार रिकवी दिखाई है। ऑटो और एफएमसीजी शेयरों का इसमें बड़ा हाथ रहा है। अब हम बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में तेजी आते देख रहे हैं। आईटी और एनर्जी अब भी संघर्ष कर रहे हैं। निवेशकों को उन सेक्टर पर फोकस करना चाहिए, जो अपेक्षाकृत मजबूत हैं।"
जुलाई में Nifty Auto Index 5 फीसदी चढ़ा है। निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक 11-11 फीसदी चढ़े हैं। निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में से दोनों 8 फीसदी से ज्यादा चढ़े हैं। निफ्टी बैंक 8 फीसदी फीसदी और पीएसयू बैंक इंडेक्स 13 फीसदी चढ़ा है।
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