Sensex 700 अंक तक गिरने के बाद संभला, जानिए इस गिरावट के 4 सबसे बड़े कारण

सुबह में इंडियन मार्केट में कारोबार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। लेकिन, कुछ ही देर बाद बिकवाली दबाब बढ़ने से प्रमुख सूचकांक लुढ़कने लगे। एक समय बीएसई Sensex 700 अंक तक गिर गया था। हालांकि, यह दोपहर तक काफी हद तक संभलने में कामयाब रहा

अपडेटेड Sep 04, 2024 पर 6:03 PM
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दरअसल, इंडियन मार्केट इससे पहले लगातार 13 दिनों से चढ़ रहा था लिहाजा आज प्रॉफिटबुकिंग हुई है

स्टॉक मार्केट्स में 4 सितंबर को बड़ी गिरावट आई थी लेकिन बाद में बाजार संभल गया। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी आईटी इंडेक्स में देखने को मिली। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.7 फीसदी तक लुढ़क गया। इंडियन मार्केट में गिरावट की बड़ी वजह 3 सितंबर को अमेरिकी मार्केट में आई गिरावट को माना जा रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि लगातार 13 दिन से इंडियन मार्केट्स चढ़ रहा था। ऐसे में मुनाफावसूली की उम्मीद पहले से की जा रही थी। अमेरिका मार्केट से मिले संकेतों ने इंडियन मार्केट को गिरने का कारण दे दिया।

कारोबार की कमजोर शुरुआत

इंडियन मार्केट में कारोबार की शुरुआत सुबह में कमजोर रही। मार्केट खुलने के कुछ ही देर बाद बिकवाली के दबाव में आ गया। एक समय Sensex करीब 722 अंक गिरकर 81,833 के लेवल पर आ गया था। Nifty 50 में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। यह करीब 200 अंक लुढ़कर 25,083 पर आ गया था। हालांकि, दोपहर तक मार्केट काफी हद तक संभलने में कामयाब रहा। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 202 अंक गिरकर 82,352.64 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 81 अंकों की गिरावट के साथ 25,198.70 पर बंद होने में कामयाब रहा।


शेयर बाजार में इन 4 कारणों से आई गिरावट

अमेरिकी मार्केट में 3 सितंबर की गिरावट का असर

अमेरिकी स्टॉक मार्केट में 3 सितंबर को अगस्त की शुरुआत के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट आई। इसकी वजह अमेरिकी इकोनॉमी के मंदी में जाने की आशंका है। इकोनॉमी से जुड़े आंकड़े इसके संकेत दे रहे हैं। इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (ISM) ने मैन्युफैक्चरिंग PMI का डेटा पेश किया है। इसके मुताबिक, अगस्त में यह 47.2 फीसदी पर रहा। हालांकि, जुलाई के मुकाबले इसमें थोड़ी वृद्धि हुई है लेकिन यह मार्केट की उम्मीद के मुकाबले कम है। मार्केट को मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 47.9 फीसदी रहने की उम्मीद थी।

दिग्गज आईटी शेयरों में गिरावट की वजह

सबसे ज्यादा गिरावट आईटी कंपनियों के शेयरों में देखने को मिली। इसकी वजह यह है कि इंडियन आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में अमेरिका की बड़ी हिस्सेदारी है। अगर अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में जाती है या आगे संकट गहराता है तो इसका सीधा असर इंडियन आईटी कंपनियों के रेवेन्यू पर पड़ेगा। इकोनॉमी के मंदी में जाने पर कंपनियां आईटी पर खर्च घटा देती हैं। इससे आईटी कंपनियों को नए आर्डर मिलने की रफ्तार घट जाती है।

लगातार चढ़नो के बाद मुनाफावसूली का दबाव

एक्सपर्ट्स का कहना है कि 4 सितंबर को आई गिरावट की वजह मुनाफावसूली है। दरअसल, इंडियन मार्केट इससे पहले लगातार 13 दिनों से चढ़ रहा था। सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया था। इससे छोटे-बड़े शेयरों की कीमतें काफी चढ़ गई थी। लगातार इतने सत्रों के मार्केट के चढ़ने के बाद बाजार में मुनाफावसूली आम बात है। इससे पहले भी मार्केट के लगातार चढ़ने के बाद बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

छोटे-बड़े शेयरों की ज्यादा वैल्यूएशन

इंडियन मार्केट में पिछले काफी समय से शेयरों की वैल्यूएशन को लेकर चिंता जताई जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार तेजी की वजह से छोटे-बड़े शेयरों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। इसके मुताबिक कंपनियों की अर्निंग्स नहीं बढ़ी है। उधर, कंपनियों के फंडामेंटल्स में भी ज्यादा बदलाव नहीं आया है। इसलिए मौजूदा लेवल पर शेयरों का बना रहना मुश्किल है। लिक्विडिटी की वजह से शेयरों की कीमतें पिछले कुछ समय से लगातार चढ़ी हैं। लेकिन, सिर्फ लिक्विडिटी की बदौलत वैल्यूएशन लंबे समय तक हाई नहीं बनी रह सकती।

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