Sensex Outlook: घरेलू स्टॉक मार्केट में बिकवाली के हालिया माहौल के बावजूद वैश्विक ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी का भारतीय मार्केट पर ओवरवेट रुझान बना हुआ है। ब्रोकरेज का मानना है कि अगले साल के आखिरी यानी दिसबंर 2025 तक सेंसेक्स 90.520 के लेवल पर पहुंच जाएगा जो मौजूदा लेवल से करीब 15 फीसदी अपसाइड है लेकिन यह पहले के टारगेट 1,00,080 के मुकाबले 10 फीसदी कम है। ब्रोकरेज का कहना है कि सुस्ती के बावजूद अगले साल 2025 में भारत दुनिया के सबसे तेज बढ़ने वाले बाजारों में बना रहेगा। ब्रोकरेज के मुताबिक भारत में ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी सुस्त दिख रही है लेकिन अब भी यह इसकी रफ्तार अच्छी है।
देश की करीब 60 फीसदी कंपनियों के नतीजे मार्केट की उम्मीदों के हिसाब से नहीं आए जिसके चलते शेयर मार्केट को कुछ चुनौतियां झेलनी पड़ रही हैं। इसके अलावा पीएमआई के आंकड़े, जीएसटी कलेक्शन और ऑटो सेल्स के आंकड़ों ने भी निराश किया। एचएसबीसी का मानना है कि लॉर्ज कैप की तुलना में मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स का EPS (प्रति शेयर कमाई) ग्रोथ अधिक हो सकता है। लॉर्ज कैप की ईपीएस ग्रोथ 12 फीसदी जबकि स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स की ईपीएस ग्रोथ 30 फीसदी रह सकती है।
एचएसबीसी के रिसर्च नोट से एशिया स्टॉक आइडियाज 2025 लिस्ट का खुलासा हुआ। इसमें दो भारतीय कंपनियां-एक्सिस बैंक और केआईएमएस (कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज) भी शामिल हैं। ब्रोकरेज का कहना है कि पियर्स के मुकाबले एक्सिस बैंक का वैल्यूएशन बेहतर है और फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश का आकर्षक मौका दे रहा है। वहीं KIMS की बात करें तो ब्रोकरेज के मुताबिक इसे कैपिटल एक्सपेंडिचर में तेजी और हेल्थकेयर सर्विसेज की बढ़ती मांग से फायदा मिलेगा।
एक और ब्रोकरेज भारतीय मार्केट को लेकर बुलिश
सीएलएसए का भी रुझान भारतीय मार्केट को लेकर बुलिश बना हुआ है। ब्रोकरेज का कहना है कि मार्केट इतना गिर चुका है कि अब खरीदारी का शानदार मौका बना है। 18 नवंबर को सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में सीएलएसए के एलेग्जेंडर रेडमैन ने कहा था कि विदेशी निवेशकों ने चीन जाने के लिए बिकवाली शुरू की थी लेकिन निवेश के बावजूद वे चाइनीज मार्केट को लेकर ओवरवेट नहीं हुए।
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