शंकर शर्मा ने स्मॉलकैप स्टॉक्स के निवेशकों को दी सलाह, कहा-गवर्नेंस से जुड़े रिस्क के लिए तैयार रहना होगा

स्टॉक मार्केट का कई दशकों का अनुभव रखने वाले शर्मा ने बताया कि कंपनियां खराब गवर्नेंस से अच्छे गवर्नेंस की साइकिल में चलती हैं। रिटेल इनवेस्टर्स की दिक्कत यह है कि उन्हें यह पता नहीं चलता कि पर्दे के पीछे कंपनी में क्या चल रहा है। कई बार तो ऑडिटर्स तक बेवकूफ बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि न सिर्फ स्मॉलकैप स्टॉक्स बल्कि लार्जकैप कंपनियां भी रिस्क-फ्री नहीं हैं

अपडेटेड Nov 09, 2023 पर 12:31 PM
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शर्मा ने Worldcom और Enron स्कैंडल्स के उदाहरण दिए। अमेरिकी कंपनी वर्ल्डकॉम 2002 में दिवालिया हो गई। 11 अरब डॉलर के अकाउंटिंग फ्रॉड ने कंपनी को डूबा दिया। यह तब अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड था।

अगर आप स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं तो आप गवर्नेंस से जुड़े मसलों से नहीं बच सकते। यह कहना है कि दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा (Shankar Sharma) का। दिवाली से पहले शर्मा ने मनीकंट्रोल से स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट को लेकर खुलकर बातचीत की। उन्होंने इनवेस्टमेंट में रिस्क कम करने के तरीकों के बारे में भी बताया। शंकर शर्मा के फैंस की संख्या बहुत बड़ी है। स्टॉक मार्केट का कई दशकों का अनुभव रखने वाले शर्मा ने बताया कि कंपनियां खराब गवर्नेंस से अच्छे गवर्नेंस की साइकिल में चलती हैं। रिटेल इनवेस्टर्स की दिक्कत यह है कि उन्हें यह पता नहीं चलता कि पर्दे के पीछे कंपनी में क्या चल रहा है। कई बार तो ऑडिटर्स तक बेवकूफ बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि न सिर्फ स्मॉलकैप स्टॉक्स बल्कि लार्जकैप कंपनियां भी रिस्क-फ्री नहीं हैं।

बड़ी कंपनियं में निवेश भी रिस्क-फ्री नहीं

शर्मा ने Worldcom और Enron स्कैंडल्स के उदाहरण दिए। अमेरिकी कंपनी वर्ल्डकॉम 2002 में दिवालिया हो गई। 11 अरब डॉलर के अकाउंटिंग फ्रॉड ने कंपनी को डूबा दिया। यह तब अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड था। इस कंपनी में टॉप लेवल के अधिकारियों ने छोटे अधिकारियों पर डेटा को बढ़ाकर दिखाने का दबाव बनाया था। इसका मकसद कंपनी के प्रॉफिट को बढ़ा कर दिखाना था। उन्होंने कहा कि Enron और WorldCom छोटी कंपनियां नहीं थीं। इनमें दुनिया के बड़े निवेशकों का पैसा लगा था। इनके पास Arthur Anderson जैसे ऑडिटर्स थे। इसलिए हमें ऐसी चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए।


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छोटी कंपनियों में रिस्क ज्यादा

अकाउंटिंग से जुड़े मसलों की वजह से शर्मा के पोर्टफोलियो में शामिल Brightcom बहुत चर्चा में रही है। यह बताता है कि किसी कंपनी में इस तरह की गड़बड़िया हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि मिड और लार्जकैप स्टॉक्स के मुकाबले छोटी कंपनियों में निवेश करना ज्यादा रिस्की माना जाता है। ऐसी कंपनियों के बारे में कई चीजें पता नहीं होती। यह देखा गया है कि ज्यादातर मैनजमेंट खराब गवर्नेंस से बेहतर गवर्नेंस की साइकिल में चलता है।

छोटी कंपनियों में थोड़ा निवेश किया जा सकता है

उन्होंने कहा कि हमारे पोर्टफोलियो में खराब अंडे हो सकते हैं। पोर्टफोलियो में इनकी हिस्सेदारी 5 फीसदी हो सकती है। इसलिए अगर हमें इनसे 50 फीसदी लॉस होता है तो भी हमारे ऊपर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि दूसरे स्टॉक्स से उस लॉस की भरपाई हो जाएगी। इसलिए आप अपने पोर्टफोलियो में कुछ खराब अंडों का भी बोझ उठा सकते हैं।

रिस्क घटाने के लिए इन बातों पर रखें नजर

इनवेस्टर्स किस तरह रिस्क घटा सकते हैं? इसके जवाब में शर्मा ने कहा कि कंपनी के बोर्ड की क्वालिटी को देखने के अलावा वह टैक्स और डिविडेंड को देखते हैं। हालांकि, कंपनी के टैक्स अमाउंट और डिविडेंड को देखना 100 फीसदी फुलप्रूफ नहीं है। लेकिन, इससे यह पता चल जाता है कि कंपनी कैश जेनरेट करती है। इसलिए रिटेल इनवेस्टर्स अपना कुछ पैसा स्मॉलकैप स्टॉक्स में लगा सकते हैं।

MoneyControl News

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First Published: Nov 09, 2023 12:21 PM

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