दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा PSU Stocks में निवेश नहीं करते, बताई यह वजह

इस साल सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स के रिटर्न ने चौंकाया है। 2023 में Nifty PSE Index ने 40.9 फीसदी रिटर्न दिया है। इस वजह से इन शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। HAL और BHEL ने तो एक साल में 56 से 60 फीसदी तक रिटर्न दिए हैं

अपडेटेड Nov 09, 2023 पर 12:19 PM
Story continues below Advertisement
शर्मा ने कहा कि उनकी कंपनी ने सरकारी कंपनियों के साथ बिजनेस किया था। इसका अनुभव अच्छा नहीं रहा।

दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा (Shankar Sharma) का कहना है कि वह सरकारी कंपनियों के शेयरों से दूर रहते हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से इन कंपनियों की चमक बढ़ी है। शर्मा ने PSU Stocks से दूरी की वजह बताई। उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनियों की निर्भरता इस बात पर होती है कि सरकार कितना बजट आवंटित करती है। इसके अलावा उनका भविष्य सरकार की पॉलिसी पर भी निर्भर करता है। इन दोनों वजहों से सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स रिस्की लगते हैं। इस साल सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स के रिटर्न ने चौंकाया है। 2023 में Nifty PSE Index ने 40.9 फीसदी रिटर्न दिया है। इस वजह से इन शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। HAL और BHEL ने तो एक साल में 56 से 60 फीसदी तक रिटर्न दिए हैं।

पीएसयू स्टॉक्स का शानदार प्रदर्शन

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) को डिफेंस उपकरणों के देश में ही उत्पादन से फायदा मिल रहा है। इसके अलावा 'मेक इन इंडिया' की वजह से उसके लिए मौके बढ़े हैं। FY23 के अंत में कंपनी की ऑर्डरबुक 81,800 करोड़ रुपये की थी। इसका स्टॉक एक साल में 60 फीसदी चढ़ा है। Bharat Heavy Electricals की ऑर्डरबुक 91,336 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इसके शेयर का रिटर्न एक साल में 60 फीसदी रहा है। कई दूसरी सरकारी कंपनियों के शेयरों का रिटर्न भी शानदार रहा है। कई सरकारी बैंकों के शेयरों में भी अच्छा उछाल दिखा है।


यह भी पढ़ें : धनतेरस से पहले अच्छी खरीदारी से ज्वेलरी स्टॉक्स की चमक बढ़ी, एक महीने में 30% तक रिटर्न

शर्मा ने निवेश नहीं करने की बताई वजह

शर्मा ने कहा कि उनकी कंपनी ने सरकारी कंपनियों के साथ बिजनेस किया था। इसका अनुभव अच्छा नहीं रहा। उन्होंने पेमेंट में देर सहित कुछ प्रॉब्लम्स का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि कोई कंपनी जो सरकार के साथ बिजनेस करती है, उसे सरकार की पॉलिसी पर निर्भर रहना पड़ता है। दूसरा यह कि उसे बजट में होने वाले आंवटन पर नजर बनाए रखनी पड़ती है। आपको पता नहीं होता कि सरकार कितना बजट आवंटित करेगी। फाइनेंस मिनिस्ट्री कह सकती है कि ग्रोथ ज्यादा नहीं है, जिससे आवंटन घटाया जा रहा है। डिफेंस कंपनियों पर भी यह बात लागू होती है।" उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनियां सरकार की पॉलिसी को लेकर संवेदनशील होती हैं। इसलिए मेरी नजर में वे बहुत रिस्की हो जाती हैं।

किसी खास सेक्टर या कैटेगरी के स्टॉक्स में निवेश की मजबूरी नहीं

दरअसल शर्मा जैसे इनवेस्टर्स के लिए सैकड़ों स्टॉक्स में इनवेस्ट करने का मौका रहता है। उन्हें म्यूचुअल फंडों के फंड मैनेजर्स की तरह किसी खास कैटेगरी के स्टॉक्स तक खुद को सीमित नहीं रखना पड़ता। उन्होंने कहा कि आपके लिए इनवेस्ट करने के लिए सैकड़ों स्टॉक्स है। इनमें से आप अपनी पसंद के स्टॉक्स का चुनाव कर सकते हैं। इसलिए मुझ पर उस स्टॉक में निवेश करने की मजबूरी नहीं है जो मेरी पंसद नहीं है। मैं सिर्फ उसी स्टॉक में निवेश करता हूं, जो मुझे अच्छा लगता है। उन्होंने यह साफ कर दिया कि वह रिस्क लेने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकारी कंपनियों से जुड़े रिस्क नहीं लेना चाहते।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Nov 09, 2023 11:30 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।