Share Market Crash: सिर्फ 3 दिन में 13 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति स्वाहा, ये हैं गिरावट के 3 बड़े कारण

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले तीन कारोबार दिनों में निवेशकों के करीब 13 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं। Nifty 50 इंडेक्स 23 जुलाई के बंद स्तर से अब तक 550 अंकों से अधिक लुढ़क चुका है और अब 24,700 के नीचे ट्रेड कर रहा है। पिछले पांच में चार कारोबारी दिन यह इंडेक्स लाल निशान में रहा है

अपडेटेड Jul 28, 2025 पर 5:41 PM
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Stock Market Crash: बीएसई सेंसेक्स भी पिछले तीन दिनों में 1800 अंकों से अधिक लुढ़क चुका है

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले तीन कारोबार दिनों में निवेशकों के करीब 13 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं। Nifty 50 इंडेक्स 23 जुलाई के बंद स्तर से अब तक 550 अंकों से अधिक लुढ़क चुका है और अब 24,700 के नीचे ट्रेड कर रहा है। पिछले पांच में चार कारोबारी दिन यह इंडेक्स लाल निशान में रहा है। बीएसई सेंसेक्स भी पिछले तीन दिनों में 1800 अंकों से अधिक लुढ़क चुका है। इस गिरावट का असर केवल सेंसेक्स और निफ्टी तक ही सीमित नहीं है। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी लाल निशान में हैं। पिछले एक हफ्ते में मिडकैप इंडेक्स 2% और स्मॉलकैप इंडेक्स 3.5% टूट चुका है।

आइए जानते हैं वो तीन बड़े कारण, जिसके चलते शेयर बाजार में बिकवाली का तूफान देखा जा रहा है-

1. तिमाही नतीजों ने किया निराश

शेयर बाजार के निवेशकों को जून तिमाही के नतीजों से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन अब तक जिन कंपनियों ने नतीजे घोषित किए हैं, उनमें से काफी कंपनियों ने अपने नतीजों से निराश किया है। सबसे पहले झटका आईटी सेक्टर ने दिया। Nifty IT Index पिछले चार हफ्तों से शेयर बाजार में गिरावट का सबसे बड़ा कारण बना है।


Axis Bank और Kotak Mahindra Bank जैसे दिग्गज बैंकों के नतीजों से भी दलाल स्ट्रीट खुश नहीं नजर आ रहा है और इसके चलते निफ्टी बैंक इंडेक्स को काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि HDFC Bank और ICICI Bank के शेयरों ने थोड़ा लचीलापन दिखाते हुए इसे संभालने की कोशिश की है। यहां तक कुछ कंपनियों के नतीजे से उम्मीद के मुताबिक रहने के बावजूद, मार्केट की प्रतिक्रिया उनको लेकर काफी नेगेटिव रही है।

2. भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता

अमेरिका ने हाल के हफ्तों में जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और यूरोपीय यूनियन (EU) के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन इस बीच, भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर अब तक कोई तस्वीर सामने नहीं आई है। अमेरिका के शेयर बाजार तो इस समय अपने रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं, लेकिन भारतीय शेयर बाजार में इस डील को लेकर अब तक असमंजस बरकरार है।

हालांकि अमेरिका ने 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले भारत के साथ एक मिनी ट्रेड डील होने की संभावना जताई है, लेकिन अब इस समयसीमा के पूरा होने में बहुत कम समय बचा है। करीब 72 घंटे से थोड़ा ज्यादा और यही बात निवेशकों को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है।

3. तकनीकी स्तरों का टूटना

Nifty इंडेक्स को पॉजिटिव ट्रेंड बनाए रखने के लिए अपने 50-दिन के मूविंग एवरेज (DMA) वाले स्तर को बचाना था, लेकिन वह इसमें विफल रहा। जून के स्विंग लो 24,824 और फिर 24,703 जैसे महत्वपूर्ण स्तर टूट चुके हैं। अब सबका ध्यान 24,473 के अगले सपोर्ट लेवल पर है, जो इसका 13 जून का लो पॉइंट है। ईरान-इजरायल तनाव के बीच निफ्टी इंडेक्स ने इस स्तर को छूने के बाद वापसी की थी। अगर यह स्तर भी टूटता है, तो और बड़ी गिरावट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट, आनंद जेम्स का कहना है कि निफ्टी के लिए अगला मजबूत सपोर्ट 24,450 और 24,000 के स्तर पर है। अगर निफ्टी 24,922 के ऊपर क्लोजिंग देता है, तो बाजार में शॉर्ट कवरिंग देखने को मिल सकती है, जो इसे 25,324 के स्तर तक ले जा सकती है। हालांकि ऊपर इसे पहले 25,000 के पास मजबूत रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।

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