Share Market: शेयर बाजार में भारी उठापटक, सेंसेक्स दिन के हाई से 750 अंक टूटा, ये हैं 3 बड़े कारण

Share Market: भारतीय शेयर बाजारों में आज 4 सितंबर को दिन के उच्च स्तर से तेज गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कारोबार की शुरुआत मजबूती के साथ की थी। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 888.96 अंक बढ़कर 81,456.67 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 265.7 अंक की छलांग लगाकार 24,980.75 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इसके बाद सेंसेक्स में दिन के हाई से 650 अंकों की तेज गिरावट देखने को मिली।

अपडेटेड Sep 04, 2025 पर 5:02 PM
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Share Market: विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं

Share Market: भारतीय शेयर बाजारों में आज 4 सितंबर को दिन के उच्च स्तर से तेज गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कारोबार की शुरुआत मजबूती के साथ की थी। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 888.96 अंक बढ़कर 81,456.67 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 265.7 अंक की छलांग लगाकार 24,980.75 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इसके बाद सेंसेक्स में दिन के हाई से 750 अंकों की तेज गिरावट देखने को मिली। निफ्टी भी फिसलकर 24,800 के नीचे चला गया।

कारोबार के अंत में सेंसेक्स 150.30 अंक या 0.19% बढ़कर 80,718.01 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 19.25 अंक या 0.08% बढ़कर 24,734.30 पर बंद हुए।

शेयर बाजार में आज की इस तेज उठापटक के पीछे 3 बड़े कारण रहे-


1) मुनाफावसूली

शेयर बाजार में आज की उठापटक के पीछे सबसे बड़ी वजह मुनाफावसूली रही। GST काउंसिल ने आम आदमी को राहत देने के लिए बुधवार को हुई बैठक में कई बड़े फैसले लिए। रोटी, पराठा, हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी जैसे रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें अब सस्ती होंगी। वहीं पर्सनल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इस व्यापक बदलाव से शेयर बाजार में तेजी का माहौल बना। ऑटो, FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी देखी गई।

सेंसेक्स पर महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में सबसे ज्यादा 7.5% से अधिक की उछाल देखने को मिली। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, टाटा मोटर्स और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे दिग्गज शेयरों में भी अच्छी तेजी देखने को मिली।

हालांकि दोपहर के बाद बाजार में मुनाफावसूली का दौर शुरू हुआ, जिससे सेंसेक्स दिन के निचले स्तरों की ओर फिसल गया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट आई, जिससे ब्राडर मार्केट लाल निशान में पहुंच गया।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा, "GST काउंसिल के इस फैसले से कंज्मप्शन में तेज उछाल आ सकता है और कई सेगमेंट में ये उछाल उम्मीद से अधिक भी हो सकती है। GST कटौती के साथ ही मौजूदा फिस्कल और मॉनिटरी इनसेंटिव के चलते, भारत की GDP ग्रोथ मौजूदा वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2027 में 7 फीसदी तक पहुंच सकते हैं। हालांकि इस शुरुआती उत्साह के बावजूद, टैरिफ और दूसरे स्ट्रक्चरल मुद्दे अभी भी बाजार को प्रभावित करते रहेंगे।"

वहीं, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा शेयर बाजार पहले ही इन ऐलानों के असर को प्राइस में शामिल कर चुका है। उन्होंने कहा, "जीएसटी दरों में कटौती से फेस्टिव सीजन में मांग को काफी बढ़ावा मिल सकता है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल और FMCG जैसे सेक्टर्स को खास तौर से इन ऐलानों से लाभ मिलने की उम्मीद। हालांकि इन सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में शेयरों में पहले ही तेजी आ चुकी है। टैक्स कटौती से कंज्म्प्शन आधारित ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। लेकिन अभी यह देखा जाना बाकी है कि कंपनियां टैक्स बचत का कितना हिस्सा ग्राहकों को देती हैं।"

2) मिलेजुले ग्लोबल संकेत

एशियाई शेयर बाजार में आज मिलजुले संकेतों के साथ कारोबार कर रहे थे। चीन और हांगकांग के शेयरों में तेज बिकवाली देखने को मिली। शंघाई कंपोजिट इंडेक्स लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। हालांकि साउथ कोरिया और जापान का निक्केई 225 इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।

निवेशकों की नजरें अब इस महीने के अंत में होने वाली फेडरल रिजर्व बैंक की बैठक पर टिकी है। CME ग्रुप के FedWatch टूल के अनुसार, इस बैठक के दौरान ब्याज दरों में कटौती की संभावना 96.6% आंकी जा रही है।

3) विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। बुधवार 3 सितंबर को भी उन्होंने शेयर बाजार से 1,666.46 करोड़ रुपये की निकासी की। हालांकि दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने करीब 2,495.33 करोड़ रुपये की खरीदारी करके बाजार को सपोर्ट मुहैया कराया।

विदेशी निवेशक इस साल अब तक शेयर बाजार से करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम निकासी कर चुके हैं। अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी चिंताओं और भारतीय रुपये में कमजोरी ने विदेशी निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया है। इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन, इस साल अब तक अधिकतर एशियाई बाजारों से कमजोर रहा है। यह भी विदेशी निवेशकों की चिंता का एक अहम कारण है।

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Vikrant singh

Vikrant singh

First Published: Sep 04, 2025 2:34 PM

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