Credit Cards

शेयर बाजार में अचानक आ सकती है गिरावट, इन 2 वजहों ने एक्सपर्ट्स की बढ़ाई टेंशन

शेयर बाजार इस समय हर रोज नए कीर्तिमान बना रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स इसे 'सैंटा क्लॉज रैली कह रहे हैं। हालांकि ठीक इसी समय भारत से दूर कुछ ऐसी चीजें भी हो रही हैं, जो आगे चलकर बाजार के इस मूड को बिगाड़ सकती है। इसलिए कुछ एक्सपर्ट्स अभी से निवेशकों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। मुख्य रुप से 2 चीजों को लेकर चिंताएं जताई जा रही है

अपडेटेड Dec 19, 2023 पर 10:46 PM
Story continues below Advertisement
पूरी दुनिया का करीब 10 से 12 फीसदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार स्वेज नहर से होता है

Share Markets: शेयर बाजार इस समय हर रोज नए कीर्तिमान बना रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने नए ऑल-टाइम छू रहे हैं। कई मार्केट एक्सपर्ट्स इसे 'सैंटा क्लॉज रैली कह रहे हैं। क्रिसमस के त्यौहार के आसपास शेयर बाजार में आने वाली तेजी को 'सैंटा क्लॉज रैली' के नाम से बुलाया जाता है। हालांकि जब बाजार में सबकुछ ठीक चल रहा है, लोगों के पैसे बन रहे हैं, उन्हें मुनाफा हो रहा है, ठीक उसी समय भारत से दूर कुछ ऐसी चीजें भी हो रही हैं, जो आगे चलकर बाजार के इस पूरे मूड को बिगाड़ सकती है। इसलिए कुछ एक्सपर्ट्स अभी से निवेशकों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। मुख्य रुप से 2 चीजों को लेकर चिंताएं जताई जा रही है।

एक्सपर्ट्स की पहली चिंता यह है कि दुनिया के कुछ बड़े और विकसित देशों की GDP ग्रोथ में तेज गिरावट आई है। इन देशों की इकोनॉमी में गिरावट का असर कई भारतीय कंपनियों की ग्रोथ पर देखने को मिलेगा। दूसरी चिंता है स्वेज नहर से होने वाले व्यापार रूट को लेकर। हूती विद्रोहियों के हमले के बाद स्वेज नहर से होने वाले व्यापार को लेकर संकट खड़ा हो गया है। अगर यह संकट जल्द खत्म नहीं हुआ, तो यह एक बार फिर पूरी दुनिया में महंगाई के जिन्न को जिंदा कर सकता है। इसीलिए एक्सपर्ट्स निवेशकों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। वैसे बीते 1 नवंबर के बाद से दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी तेजी आई है।

अमेरिका के केद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व ने 1 नवंबर को संकेत दिया था कि वह ब्याज दरों में जारी बढ़ोतरी को रोक सकता है। इसके बाद दिसंबर में उसने पहली बार आधिकारिक रूप से ने सिर्फ ब्याज दरों में बढ़ोतरी रोकने की बात कही, बल्कि अगले साल 3 बार ब्याज दरों में कटौती करने का भी संकेत दिया है। इस खबर से पूरा ग्लोबल मार्केट झूम गया था। सेंसेक्स और निफ्टी तो नवंबर के बाद से करीब 13% चढ़ चुके हैं। अमेरिका में रेट कट होने पर भारत में काफी विदेश निवेश आने की उम्मीद है। इससे पहले बीजेपी की 3 अहम राज्यों में जीत ने बाजार का जोश हाई कर दिया था। हालांकि अब लाल सागर में बैठे हूती उग्रवादी इस तेजी में खलल डालते दिख रहे हैं।


यह भी पढ़ें-Vedanta एक बार फिर बांटेगी डिविडेंड, हर शेयर पर ₹11 रुपये का एक्स्ट्रा मुनाफा, चेक करें रिकॉर्ड डेट

हुआ यह है कि हूती उग्रवादियों ने लाल सागर से आने वाली समुद्री जहाजों पर हमले तेज कर दिए हैं। उनकी तरफ से लगातार लाल सागर में मिसाइलें बरसाई जा रही हैं। हूती उग्रवादियों को कहना है वह ये हमले हमास के समर्थन में कर रहे हैं, जो इस गाजा पट्टी में इजराइल से जंग लड़ रहा है। लाल सागर में हमले के चलते समुद्री जहाजों के लिए स्वेज नहर तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। हमले के डर से सीएमए सीजीएम, हापाग-लॉयड, मेर्स्क और एमएससी जैसी कुछ बड़ी शिपिंग कंपनियों ने इस समुद्री मार्ग पर अपना कारोबार रोक दिया है।

यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका और यूरोप की जीडीपी ग्रोथ तेज गिरावट की उम्मीद जताई जा रही हैं। खुद अमेरिका के फेडरल रिजर्व और यूरोपीयन सेंट्रल बैंक ने 2024 के लिए अपने ग्रोथ अनुमानों को घटा दिया है। अटलांटा के फेडरल रिजर्व ने तो दिसंबर में महज 1.2% की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है, जबकि इसके पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 5.2 फीसदी था।

हालांकि स्वेज नहर संकट के चलते अब सप्लाई चेन के मोर्चे पर नई चिंताएं सामने आने लगी है। सबसे बड़ी चिंता महंगाई बढ़ने को लेकर है। अगर महंगाई बढ़ी तो फिर 2024 में ब्याज दरों में कटौती होने की उम्मीद भी खत्म हो जाएगी। पूरी दुनिया का करीब 10 से 12 फीसदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार स्वेज नहर से होता है। वहीं अगर मालवाहक समुद्री जहाजों की बात करें, तो दुनिया के करीब 30 फीसदी मालवाहक जहाज अपने सामान इसी स्वेज नहर से होकर ले जाते हैं। लेकिन हूती उग्रवादियों ने इन मालवाहक जहाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हूती विद्रोहियों के हमले के बाद रिजनल क्रूड ऑयल प्राइस पिछले कुछ दिनों में 8 से 9 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार इस समय अपने औसत से ऊंचे भाव पर कारोबार कर रहा है। ऐसे समय में विकसित देशों की इकोनॉमी में गिरावट, सप्लाई चेन के मोर्चे पर संकट और महंगाई बढ़ने की आंशकाएं, किसी भी तरह से शेयर बाजार के लिए शुभ संकेत नहीं है। ऐसे में निवेशकों को बाजार में संभल कर कदम रखना चाहिए और उन्हें कुछ मुनाफावसूली पर भी विचार करना चाहिए।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।