कारोबार के अंत में सेंसेक्स 770.48 अंक यानी 1.29 फीसदी टूटकर 58,766.59 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 216.50 अंक यानी 1.22 फीसदी टूटकर 17,542.80 के स्तर पर बंद हुआ
Closing Bell: वीकली एक्सपायरी पर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स, निफ्टी 1% से ज्यादा फिसलकर बंद हुए। आज के कारोबार में मिडकैप, स्मॉलकैप इंडेक्स फ्लैट बंद हुआ। IT, एनर्जी, फार्मा शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। मेटल, FMCG, PSE शेयरों पर दबाव देखने को मिला। वहीं रियल्टी, ऑटो शेयरों में बढ़त देखने को मिला। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 770.48 अंक यानी 1.29 फीसदी टूटकर 5
Closing Bell: वीकली एक्सपायरी पर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स, निफ्टी 1% से ज्यादा फिसलकर बंद हुए। आज के कारोबार में मिडकैप, स्मॉलकैप इंडेक्स फ्लैट बंद हुआ। IT, एनर्जी, फार्मा शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। मेटल, FMCG, PSE शेयरों पर दबाव देखने को मिला। वहीं रियल्टी, ऑटो शेयरों में बढ़त देखने को मिला। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 770.48 अंक यानी 1.29 फीसदी टूटकर 58,766.59 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 216.50 अंक यानी 1.22 फीसदी टूटकर 17,542.80 के स्तर पर बंद हुआ।
ग्लोबल बाजारों से कमजोर संकेत
ग्लोबल बाजारों से कमजोर संकेत मिल रहे है। एशियाई बाजारों में नरमी है। मंगलवार के बंद भाव के मुकाबले SGX निफ्टी में करीब 400 प्वाइंट की गिरावट देखने को मिली है। वहीं दो दिन में डाओ जोंस करीब 600 अंक फिसला है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
ग्लोबल मंदी की आशंका बढ़ने से कच्चे तेल के दाम में तेज गिरावट आई है। क्रूड का भाव 2 दिन में 7% फिसलकर 95 डॉलर के करीब पहुंचा है। OMCs, पेंट और एविएशन शेयरों में एक्शन संभव है।
कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में बढोतरी की गई
कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में 300 रुपये प्रति टन की मामूली बढ़ोतरी की गई है। लेकिन डीजल पर साढ़े 6 रुपए तो ATF पर 7 रुपये प्रति लीटर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ी है।
पहली तिमाही में 13.5% GDP ग्रोथ
ग्लोबल चुनौतियों के बीच भारत का शानदार प्रदर्शन रहा है। पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 13.5 फीसदी पर रही है। एग्री से बड़ा पुश मिला है।
30 अगस्त को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 4165.86 करोड़ रुपए की खरीदारी की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 656.72 करोड़ रुपए की बिकवाली की।
NSE पर F&O बैन में आने वाले शेयर
01 सितंबर को NSE पर कोई स्टॉक F&O बैन में नहीं है। बताते चलें कि F&O सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स को उस स्थिति में बैन कैटेगरी में डाल दिया जाता है, जिसमें सिक्योरिटीज की पोजीशन उनकी मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट से ज्यादा हो जाती है।