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शेयर मार्केट एक बड़ी तेजी के लिए तैयार, लेकिन उससे पहले आ सकती है गिरावट

निफ्टी ने 1 दिसंबर 2022 को 18,887 का हाइएस्ट लेवल छुआ था। अब निफ्टी फिर इस लेवल के करीब पहुंच गया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या निफ्टी इस बार रेंज को तोड़ कर ऊपर निकलेगा या एक बार वापस रेंज की निचली सीमा की ओर बढ़ेगा? इस सवाल का जवाब इस हफ्ते मिलेगा

अपडेटेड Apr 10, 2023 पर 9:42 AM
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घरेलू मोर्चे पर आज से शुरू हो रहा हफ्ता कंपनियों के तिमाही और सालाना नतीजों की शुरुआत का भी रहेगा

भारतीय शेयर बाजार एक बहुत ही अहम पड़ाव पर हैं और सोमवार तथा मंगलवार के ट्रेड से इनकी अगले एक से दो हफ्तों की चाल तय होने वाली है। ऐसा क्यों है, इसे समझते हैं। सबसे पहले निफ्टी का डेली चार्ट देखते हैं। एक दिसंबर को निफ्टी ने 18887 का उच्चतम स्तर छुआ था और उसके बाद से इंडेक्स में गिरावट शुरू हो गई थी। तब से इंडेक्स लगातार एक रेंज में गिरता गया है। इस रेंज की ऊपरी सीमा जो ट्रेंडलाइन बना रही है, गुरुवार 6 अप्रैल के बाद निफ्टी का उच्चतम स्तर एक बार फिर वहीं पहुंच चुका है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या निफ्टी इस बार रेंज को तोड़ कर ऊपर निकलेगा या एक बार वापस रेंज की निचली सीमा की ओर बढ़ेगा? इस सवाल का जवाब सोमवार और मंगलवार के ट्रेडिंग सेशन से मिलेगा।

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यहां ट्रेडर्स के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि यदि सोमवार और मंगलवार को निफ्टी रेंज के ऊपर एक बड़े मूव के साथ निकलता है, तो बाजार में तेजी के लिहाज से यह बहुत स्थायी मूवमेंट नहीं होगा। बाजार एक-दो दिन ऊपर के स्तरों पर रहने के बाद फिर नीचे आकर रेंज के ऊपरी स्तर को छू सकता है। ऐसा इसलिए कि इंडेक्स ने सिर्फ 6 सत्रों में रेंज के लगभग निचले स्तर से यहां तक की यात्रा तय की है। पिछला हफ्ता सिर्फ 4 कारोबारी सत्रों का था, लेकिन निफ्टी ने इस दौरान 415 अंकों (2.45%) की छलांग लगाई।


28 मार्च को निफ्टी ने 16951 के निचला स्तर बनाया था। उसके बाद हफ्ते भर में इंडेक्स लगभग 700 अंकों की छलांग ले चुका है, जबकि पिछले 5 सत्रों में से सिर्फ 1 सत्र में मामूली गिरावट दर्ज की गई।

इसका मतलब है कि निचले स्तर से जिन ट्रेडर्स ने इंडेक्स के शेयरों में खरीदारी की है, उन्होंने अब तक अपनी पोजीशन बनाए रखी है। क्योंकि निफ्टी अब अपने मजबूत रेजिस्टेंस पर पहुंच चुका है, तो बहुत संभव है कि सोमवार और मंगलवार को कुछ मुनाफावसूली देखे।

ऐसे में निफ्टी में 200-250 अंकों तक की गिरावट दिख सकती है और यह आगे की तेजी के लिहाज से एक सकारात्मक संकेत होगा। लेकिन ट्रेडर्स को यह भी ध्यान रखना होगा कि यदि निफ्टी 17400 के नीचे बंद होता है तो एक बार फिर रेंज की निचली ट्रेंड लाइन तक गिरावट का विंडो खुल जाएगा जो लगभग 1000 प्वाइंट्स तक हो सकता है।

ध्यान से देखा जाए तो शुक्रवार की तेजी में कैंडलस्टिक चार्ट पर एक बहुत ही खास पैटर्न दिख रहा है। इससे पहले 1 दिसंबर, 14 दिसंबर, 24 जनवरी, 16 फरवरी और 9 मार्च को 5 बार जब निफ्टी रेंज की ऊपरी ट्रेंडलाइन से नीचे की ओर गिरा, हर बार कैंडलस्टिक चार्ट पर रेड कैंडल बना।

पहली बार शुक्रवार को एक ग्रीन कैंडल के साथ निफ्टी ऊपर ट्रेंडलाइन पर जा टिका है। इसका मतलब यह है कि बाजार चार महीनों से जिस रेंज में फंसा है, उसके ऊपरी ट्रेंड लाइन के पास आने के बावजूद इसमें खऱीदार पूरी तरह कंट्रोल में हैं। ऐसे में यदि निफ्टी नीचे की ओर 17400 का लेवल नहीं तोड़ता और वापस ऊपर आकर ट्रेंड लाइन से ऊपर निकलता है तो आने वाले एक से दो हफ्ते में 17800 और 18100 के लेवल देखने को मिल सकते हैं।

अब एक नजर डालते हैं मार्केट फंडामेंटल्स पर। शुक्रवार को बाजार के लिहाज से एक बड़ी घटना रिजर्व बैंक की पॉलिसी घोषणा थी। बाजार इस बारे में लगभग एकमत था कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा। लेकिन सबको चौंकाते हुए रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।

सामान्य परिस्थितियों में इस तरह की खबर से निफ्टी में 1-1.5 प्रतिशत तक की तेजी आ सकती थी, लेकिन शुक्रवार को इंडेक्स सिर्फ चौथाई प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। इसके पीछे रिजर्व बैंक का यह कहना भी एक कारण हो सकता है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी न किया जाना सिर्फ ‘पॉज’ है, ‘पाइवोट’ नहीं। यानी यह मान लेना कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर खत्म हो गया है, सही नहीं होगा।

अब बाजार की नजर इस हफ्ते जारी होने वाले उपभोक्ता महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों पर होगी। नवंबर और दिसंबर में महंगाई दरों में थोड़ी नरमी दिखी थी, लेकिन जनवरी और फरवरी यह एक बार फिर रिजर्व बैंक के कम्फर्ट लेवल 2-6% के ऊपर निकल गई। जनवरी में महंगाई दर दिसंबर के 5.72% से बढ़कर 3-महीनों के उच्चतम स्तर 6.52% पर पहुंच गई। फरवरी में यह मामूली गिरावट के बाद 6.44% रही, जो कि बाजार के अनुमान से अधिक थी। ऐसे में मार्च की महंगाई दर के आंकड़े बाजार के लिए इस बात का अनुमान लगाने में काफी कारगर होंगे कि वास्तव में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक गई है या सिर्फ ठहरी है।

इसी हफ्ते 12 अप्रैल को अमेरिकी फेडरल बैंक की मार्च मीटिंग का ब्यौरा भी जारी होने वाला है, जिससे यह संकेत मिलेगा कि अमेरिकी में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर अभी और कितना जारी रह सकता है। दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी ब्याज दरों की बढ़ोतरी भी आखिरी दौर में है और ज्यादा से ज्यादा 2 और बढ़त दिख सकती है।

घरेलू मोर्चे पर आज से शुरू हो रहा हफ्ता कंपनियों के तिमाही और सालाना नतीजों की शुरुआत का भी रहेगा। इंडेक्स की तीन महत्वपूर्ण कंपनियां TCS बुधवार (12 अप्रैल), इंफोसिस गुरुवार (13 अप्रैल) और HDFC बैंक शनिवार (15 अप्रैल) को अपने नतीजे घोषित करेंगी, जिनका निफ्टी की सेहत पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि 14 अप्रैल, शुक्रवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर बाजार बंद रहेंगे और HDFC बैंक के नतीजों का असर अगले हफ्ते ही दिखेगा, लेकिन ब्रोकरेज हाउसेज के अनुमानों का असर तमाम बड़ी कंपनियों के शेयर भाव पर दिखना शुरू हो जाएगा। नतीजों के अलावा

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