Share Market Rise: शेयर बाजार में तूफानी तेजी, सेंसेक्स 1,000 अंक उछला, ये हैं 4 बड़े कारण
Share Market Rise: लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजारों में आज बुधवार 26 नवंबर को तेजी लौटी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही शुरुआती कारोबार में लगभग 1% से भी अधिक उछल गए। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखने को मिली। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
Share Market Rise: क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट ने भी भारतीय बाजार को मजबूती दी
Share Market Rise: लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजारों में आज बुधवार 26 नवंबर को तेजी लौटी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही शुरुआती कारोबार में लगभग 1% से भी अधिक उछल गए। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखने को मिली। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स दोनों 1 फीसदी से अधिक उछल गए। यहां तक कि सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
दोपहर 2:03 बजे के करीब, सेंसेक्स 1,021.45 अंक या 1.21% बढ़कर 85,608.46 के स्तप पर कारोबार कर था। वहीं निफ्टी 323.40 अंक या 1.25% बढ़कर 26,208.20 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
शेयर बाजार में आज की इस तेजी के पीछे 4 बड़े कारण रहे-
1. अमेरिका में रेट कट की उम्मीदें
शेयर बाजार में तेजी की शुरुआत अमेरिका में संभावित फेडरल रिजर्व रेट कट की उम्मीदों से हुई। अमेरिकी शेयर मार्केट में पॉजिटिव माहौल और एशियाई बाजारों में 1% की तेजी का असर भी भारतीय बाजार पर साफ दिखा।
अमेरिका में रिटेल सेल्स उम्मीद से कम रही और कंज्यूमर्स के कॉन्फिडेंस में गिरावट दर्ज की गई। इस डेटा ने यह संकेत दिया कि फेडरल रिजर्व दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। फेडरल रिजर्व के दो अधिकारियों के बयानों से भी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ी हैं। अमेरिका में ब्याज दरें घटने से इमर्जिंग मार्केट्स निवेश के लिए अधिक आकर्षक बन जातें हैं और इसका भारतीय बाजारों को लाभ मिल सकता है।
अमेरिका में रेट कट की उम्मीदों से आईटी सेक्टर में 0.8% और मेटल स्टॉक्स में 1.7% की बढ़त देखने को मिली। आईटी कंपनियों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। ऐसे में अमेरिका में रेट कट की उम्मीद उनके लिए पॉजिटिव संकेत है। इसके अलावा फाइनेंशियल्स, बैंकिंग, ऑटो, रियल्टी और PSU बैंक इंडेक्स में भी 0.5% से 1% तक की तेजी देखने को मिली, जो ब्याज दरों के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं।
2. विदेशी निवेशकों की खरीदारी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में खरीदारी की, जिससे बाजार के सेंटीमेंट को मजबूती मिली। FIIs ने पिछले सत्र में 785 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी करीब 3,912 करोड़ रुपये की मजबूत खरीदारी की।
3. हैवीवेट शेयरों में खरीदारी
शेयर बाजार में तेजी का एक और बड़ा कारण हैवीवेट शेयरों में खरीदारी रही है। HDFC Bank, ICICI Bank और Reliance Industries के शेयरों में आज लगभग 1 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली, जो निफ्टी में कुल 30% का वेटेज रखते हैं।
इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स भी आज करीब 3.3 घटकर 11.84 के स्तर पर आ गया, जो शेयर बाजार में अस्थिरता के कम होने का संकेत देता है।
4. क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट
ग्लोबल स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट ने भी भारतीय बाजार को मजबूती दी। ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव बुधवार 63 डॉलर से भी नीचे आकर 62.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह 22 अक्टूबर के बाद का इसका सबसे निचला स्तर है। WTI क्रूड का भाव भी गिरकर 57.95 डॉलर प्रति बैरल आ गया। अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध खत्म करने के कूटनीतिक प्रयासों के तहत रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील का संकेत दिया है, जिससे ग्लोबल मार्केट में क्रूड की सप्लाई बढ़ने की उम्मीद है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशक इस तरह के उतार-चढ़ाव के माहौल में क्वाल्टी वाले ग्रोथ स्टॉक्स को धीरे-धीरे इकट्ठा करने की रणनीति पर काम कर सकते हैं। टेक्निकल एक्सपर्स का मानना है कि निफ्टी के लिए 26,100–26,130 का स्तर अहम है और इसे पार करने के बाद बाजार और मजबूत संकेत दिखा सकता है।
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