प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के बाद सोमवार 17 मार्च को चीन में निवेश वाली भारतीय कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। मोदी ने एक दिन पहले लेक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट पर कहा था कि भारत और चीन अपने संबंधों को पहले की तरह बहाल करना चाहते हैं जो 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध के बाद खराब हो गए थे। मोदी के इस बयान के बाद, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में Kaynes Technology के शेयर लगभग 2% बढ़कर ₹4,310 प्रति शेयर पर पहुंच गए। यह कंपनी अपने कई कंपोनेंट्स चीन सहित दूसरे देशों से इम्पोर्ट करती है। Syrma SGS Technology के शेयर भी 2% की बढ़त के साथ 420 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
ऑटोमोटिव इक्विपमेंट सेक्टर में UNO Minda के शेयर 4 फीसदी से अधिक चढ़कर 941.15 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए। जून 2024 में कंपनी ने चीन की Inovance Automotive के साथ एक डील साइन की थी, जिससे उसका इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर प्रोडक्ट पोर्टफोलियो मजबूत होगा। कंपनी ने कहा था कि यह डील उसे भारतीय EV बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद करेगी।
Minda Corporation के शेयर भी 2% बढ़कर 527 रुपये के भाव पर पहुंच गए। इसकी प्रमुख कंपनी Spark Minda ने सितंबर 2023 में चीन की 'सैनकों कनेक्टिंग टेक्नोलॉजी' के साथ एक टेक्नोलॉजी लाइसेंसिंग समझौता किया था, जिसके तहत दोनों कंपनियां EV कनेक्शन सिस्टम, चार्जिंग गन असेंबली, बैटरी डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट (BDU) और पावर डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट (PDU) जैसे प्रोडक्ट्स को लोकल लेवल पर डेवेलप करेंगी।
Amara Raja Energy & Mobility के शेयर 1% बढ़कर ₹976 प्रति शेयर पर पहुंच गए। यह कंपनी चीनी EV बैटरी निर्माता Gotion के साथ मिलकर भारत में लिथियम-आयन बैटरियों का उत्पादन कर रही है। केमिकल सेक्टर में भी मजबूती देखने को मिली, जहां PI Industries, Neogen, SRF और Navin Fluorine के शेयर 1% से अधिक बढ़े।
पीएम मोदी ने हाल ही में लेक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट पर भारत-चीन संबंधों के लंबे इतिहास पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "भारत और चीन का रिश्ता नया नहीं है। दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और सदियों से एक-दूसरे से सीखते आए हैं।" मोदी ने 2020 में LAC पर हुए टकराव के बाद बने तनाव पर भी बात की और कहा, "हम अपने रिश्तों को पहले जैसा बहाल करना चाहते हैं। धीरे-धीरे विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आएगी। यह समय लेगा, क्योंकि पिछले 5 सालों में दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ी हैं।"
उन्होंने कहा, "भारत और चीन को हेल्दी कॉम्पिटीशन करनी चाहिए, लेकिन यह टकराव में नहीं बदलनी चाहिए। 21वीं सदी एशिया की सदी है, और इसमें भारत और चीन की भूमिका अहम होगी।"