मल्टीनेशनल टोबैको कंपनी फिलिप मॉरिस के दूसरी तिमाही के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं। सिगरेट वॉल्यूम में गिरावट देखने को मिली है। यही वजह है कि फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल के शेयर में आज बड़ी गिरावट है। फिलिप मॉरिस के शेयर में 5 साल बाद सबसे बड़ी गिरावट आई है। सिगरेट वॉल्यूम में 1.5 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी के कारोबार में स्मोक फ्री बिजनेस का 41 फीसदी योगदान है। स्मोक फ्री बिजनेस शिपमेंट वॉल्यूम में 12 फीसदी की बढ़त हुई है। वहीं, निकोटीन पाउचेज की शिपमेंट वॉल्यूम 24 फीसदी बढ़ी है।
फिलिप मॉरिस की गिरावट के भारतीय कंपनियों के लिए क्या हैं मायने?
फिलिप मॉरिस की गिरावट के भारतीय कंपनियों के लिए क्या मायने हैं? इसकी पड़ताल करें तो पता चलता है कि दुनिया में ई-सिगरेट का चलन बढ़ा है। जापान में करीब 1 करोड़ लोग Vaping का इस्तेमाल कर रहे हैं। Vaping एक तरह का ई-सिगरेट होता है। लेकिन भारत में ई-सिगरेट का खास असर नहीं है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट्स पर बैन है।
भारत में सिगरेट का सेवन
भारत में सिगरेट की खपत पर नजर डालें तो देश में 13 फीसदी पुरुष और 1 फीसदी महिलाएं सिगरेट का सेवन करती हैं। बाजार की नजर 1 अगस्त को आने वाले ITC के नतीजों पर है। ITC के शेयर आज 1.05 रुपए यानी 0.25 फीसदी की गिरावट के साथ 414.95 रुपए के स्तर पर बंद हुए हैं। आज का इसका दिन का हाई 417.90 रुपए और दिन का लो 414 रुपए है। 1 हफ्ते में ये शेयर 2.27 फीसदी टूटा है। वहीं, 1 महीने में ये शेयर 0.25 फीसदी भागा है। 3 महीने में ये शेयर 3.69 फीसदी टूटा है। वहीं, जनवरी से अब तक ये शेयर 14.20 फीसदी गिरा है। वहीं, 1 साल में इसमें 15.69 फीसदी की कमजोरी आई है। जबकि 3 साल में ये शेयर 38 फीसदी भागा है।
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