Shoppers Stop share Price: कोरोना की महामारी 2020 में शुरू होने का सबसे ज्यादा असर रेस्टॉरेंट्स, होटल्स और फैशन रिटेलर्स पर पड़ा था। अब महामारी कमजोर पड़ने के बाद इन बिजनेसेज की रौनक लौट आई है। इसका फायदा उठाने वाली कंपनियों में Shoppers Stop शामिल है। इस साल इस कंपनी का शेयर 125 फीसदी चढ़ चुका है। पिछले साल 24 सितंबर को कंपनी के शेयर का प्राइस 244 रुपये था। इस तरह कंपनी ने एक साल में इनवेस्टर्स का पैसा तिगुना कर दिया है।
पिछले एक साल में Shoppers Stop का शेयर 200 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। 16 सितंबर को यह शेयर 779 रुपये के 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। 21 सितंबर (बुधवार) को शुरुआती कारोबार में यह शेयर 1.2 फीसदी की कमजोरी के साथ 737.65 रुपये था।
Sharekhan के एनालिस्ट कौस्तुभ पवास्कर ने कहा कि पिछले तीन महीनों में शॉपर्स स्टॉप का शेयर 73 फीसदी चढ़ा है। इसकी वजह कंपनी के ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस में लगातार सुधार है। रिटेल सेक्टर में रिकवरी का फायदा भी इसे मिल रहा है। कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में प्राइवेट लेबल की हिस्सेदारी बढ़ाई है। ब्यूटी सेगमेंट में सेल्स बहुत अच्छी रही है।
जून तिमाही में शॉपर्स स्टॉप ने 22 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया। कंपनी का स्टैंडएलोन रेवेन्यू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के मुकाबले 13 फीसदी बढञकर 942 करोड़ रुपये रही। कंपनी का EBITDA मार्जिन बढ़कर 17.2 फीसदी पहुंच गया। जून तिमाही में कंपनी ने छह नए आउटलेट खोले हैं। कंपनी इस फाइनेंशियल ईयर में 12-15 नए स्टोर खोलेगी।
ब्रोकरेज फर्म ICICI Securities की रिपोर्ट के मुताबिक, शॉपर्स स्टॉप के मैनेजमेंट ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में आउटलेट खोलने पर फोकस बढ़ाया है। स्टोर साइज 25,000-30,000 वर्ग फीट होगा। यह कंपनी को औसत 40,000-50,000 स्टोर साइज के मुकाबले काफी कम है।
पवास्कर ने कहा कि शॉपर्स स्टॉप पर किसी तरह का कर्ज नहीं है। इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में कंपनी के पास 8 करोड़ रुपये नेट कैश था। कंपनी ने फंड जुटाकर अपने कर्ज को कम किया है। कंपनी के वर्किंग कैपिटल में सुधार आया है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल सेल्स में प्राइवेट लेबल और ब्यूटी सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़ने से कंपनी की सेहत सुधरी है और ग्रोथ बढ़ी है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्राइवेट ब्रांड्स और ब्यूटी सेगमेंट की सेल्स कोरोना से पहले के मुकाबले क्रमश: 29 फीसदी और 28 फीसदी रही।