करीब दो हफ्ते पहले कंपनियों के नतीजों का सीजन शुरू हुआ था। अब तक आए दूसरी तिमाही के नतीजों ने निराश किया है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में निफ्टी 50 कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ 20.3 फीसदी थी। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि इस फाइनेंशियल ईयर में अर्निंग्स ग्रोथ सिर्फ 5.8 फीसदी रह सकती है। दूसरी तिमाही में कंज्यूमर कंपनियों के लिए भी अच्छी खबर नहीं आई है। सुस्त पड़ती डिमांड का असर कंपनियों के प्रदर्शन पर पड़ता दिख रहा है। ऑटो कंपनियों की वॉल्यूम ग्रोथ कमजोर रही है। कंज्यूमर स्टेपल्स कंपनियों ने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाई हैं, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा है। दूसरी तिमाही में उन्हें क्विक कॉमर्स कंपनियों से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है।
आईटी सेक्टर में डिमांड में रिकवरी देखने को मिल सकती है। हालांकि, कंपनियों के तिमाही नतीजों पर इसका असर दिखने में थोड़ा समय लगेगा। प्राइवेट बैंक सहित कुछ पॉकेट्स का प्रदर्शन अच्छा रहा है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि HDFC Bank और Axis Bank के नतीजों को देखने से ऐसा लगता है कि एसेट क्वालिटी में गिरावट का डर अब दूर हो रहा है। लेकिन, जेफरीज की रिपोर्ट को देखें तो इकोनॉमिक से जुड़े इंडिकेटर्स कंजम्प्शन घटने का संकेत दे रहे हैं। डिमांड में भी कमी आ रही है। ऐसे में रिटेल इनवेस्टर्स का सामना हकीकत से हो सकता है, जो अब तक हाई वैल्यूएशन की अनदेखी करते आ रहे थे।
सिटी यूनियन बैंक के शेयर 23 अक्टूबर को 0.3 फीसदी गिरकर 167.99 रुपये पर बंद हुए। दरअसल, दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद 22 अक्टूबर को बैंक के शेयरों में 13 फीसदी तेजी आई थी। 23 अक्टूबर को निवेशकों ने स्टॉक्स में मुनाफावसूली की। इससे 23 अक्टूबर को City Union Bank का स्टॉक लाल निशान में बंद हुआ। दूसरी तिमाही में करीब हर मोर्चे पर बैंक का प्रदर्शन अच्छा रहा है। क्रेडिट ग्रोथ अच्छी रही है। मार्जिन बढ़ा है। Net Interest Income भी बढ़ी है। हालांकि, बढ़ती क्रेडिट कॉस्ट बैंक के लिए आगे चुनौती साबित हो सकती है।
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वरूण बेवरेजेज का शेयर 23 अक्टूबर को 5.96 फीसदी के उछाल के साथ 630 रुपये पर बंद हुआ। शेयरों में उछाल की वजह सितंबर तिमाही में कंपनी का अच्छा प्रदर्शन था। कंपनी ने QIP से 7,500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया है। इस पैसे का इस्तेमाल कंपनी कर्ज घटाने, अधिग्रण और घरेलू बाजार में क्षमता बढ़ाने के लिए करेगी। कंपनी ने हाल में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोंगो (DRC) में अपने नए प्लांट में उत्पादन शुरू किया था। इस प्लांट में पूरी क्षमता के साथ उत्पादन हो रहा है। इससे अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। इधर, इंडिया में सितंबर तिमाही में बारिश का असर वॉल्यूम ग्रोथ पर पड़ा। Campa Coal की एग्रेसिव प्राइसिंग स्ट्रेटेजी का असर Varun Beverages के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। कैंपा कोल PET बोतल 10 रुपये में बेच रही है, जबकि वरूण बेवरेजेज की बोतल की कीमत 20 रुपये है।