Credit Cards

Short Call : बैंकिंग सेक्टर के अच्छे दिन, ICICI Bank से एचडीएफसी बैंक कई मोर्चों पर आगे, डेरिवेटिव्स मार्केट एक टाइम बम

बैंकिंग सेक्टर के लिए आउटलुक पॉजिटिव लगता है। बैंकिंग स्टॉक्स के अच्छे प्रदर्शन में एक बड़ी बाधा यह है कि बहुत ज्यादा फंडों ने इनमें निवेश किया है। बीते समय में ICICI Bank का प्रदर्शन बेहतर रहा है। लेकिन HDFC Bank ज्यादा अट्रैक्टिव दिख रहा है। Incred Capital के बैंकिंग एनालिस्ट्स का ऐसा मानना है। इसकी कुछ वजहे हैं। बैंकों को अगली ग्रोथ सेमी-अर्बन और ग्रामीण इलाकों में मिलेगी

अपडेटेड Oct 18, 2023 पर 11:57 AM
Story continues below Advertisement
पिछले तीन साल में एचडीएफसी बैंक ने ICICI Bank के मुकाबले ज्यादा ब्रांच खोले हैं। कई जगहों पर एचडीएफसी बैंक की इंडिविजुअल बैंक ब्रांचेज ICICI Bank के मुकाबले ज्यादा हैं। कस्टमर एक्विजिशन के मामले में भी एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक से आगे है।

अफगानिस्तान की टीम ने पहले इंग्लैंड को हराया। फिर, 17 अक्टूबर को नीदरलैंड्स ने साऊथ अफ्रीका को हरा दिया। क्रिकेट वर्ल्ड कप में दो बड़े उलटफेर देखने को मिले। कुछ ऐसा ही स्टॉक मार्केट में दिख रहा है। ऐसे कई ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स हैं, जिनके बारे में कोई नहीं जानता है, वे गैर-पारंपरिक तरीकों से दांव लगा रहे हैं और अनुभवी खिलाड़ियों के मुकाबले ज्यादा कमाई कर रहे हैं। फंड हाउसेज और HNI भी ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स के पीछे भाग रहे हैं, जो ज्यादा मशहूर नहीं हैं। करुर वैश्य बैंक के स्टॉक ने 52 हफ्तों में ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया है। सितंबर तिमाही में बैंक ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। बैंक के एमडी और सीईओ रमेश बाबु ने बताया कि दूसरी तिमाही में बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर दबाव रहा, क्योंकि डिपॉजिट की कॉस्ट बढ़ गई है। लेकिन, मार्केट्स को कई चिंता नहीं है। इसकी वजह यह है कि इस साल लोन ग्रोथ 15 फीसदी रहने का अनुमान है।

बैंकिंग सेक्टर के लौट रहे अच्छे दिन

बैंकिंग सेक्टर के लिए आउटलुक पॉजिटिव लगता है। ICICI Prudential MF के एस नरेन ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा है कि बैंकिंग स्टॉक्स के अच्छे प्रदर्शन में एक बड़ी बाधा यह है कि बहुत ज्यादा फंडों ने इनमें निवेश किया है। बीते समय में ICICI Bank का प्रदर्शन बेहतर रहा है। लेकिन HDFC Bank ज्यादा अट्रैक्टिव दिख रहा है। Incred Capital के बैंकिंग एनालिस्ट्स का ऐसा मानना है। इसकी कुछ वजहे हैं। बैंकों को अगली ग्रोथ सेमी-अर्बन और ग्रामीण इलाकों में मिलेगी। ऐसे में इन इलाकों में ज्यादा ब्रांच और तेजी से ग्राहक बनाने पर फोकस का फायदा बैंकों को मिलेगा।


यह भी पढ़ें : Hot Stocks Today : न्यूजेन सॉफ्टवेयर, Ion Exchange और Talbros Automotive के स्टॉक्स में हो सकती है 18% तक कमाई

एचडीएफएसी बैंक की ग्रोथ तेज रह सकती है

एक एनालिस्ट ने बताया, "हमारा मानना है कि उपर्युक्त दोनों इलाकों में ICICI Bank के मुकाबले एचडीएफसी बैंक की अच्छी मौजूदगी है। इससे एचडीएफसी बैंक को रिटेल एसेट ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। बैंक के रेवेन्यू की ग्रोथ भी टिकाऊ बनी रहेगी।" Incred के एनालिस्ट्स पांच चीजों की वजह से एचडीएफसी बैंक पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं। पहला, पिछले तीन साल में एचडीएफसी बैंक ने ICICI Bank के मुकाबले ज्यादा ब्रांच खोले हैं। कई जगहों पर एचडीएफसी बैंक की इंडिविजुअल बैंक ब्रांचेज ICICI Bank के मुकाबले ज्यादा हैं। कस्टमर एक्विजिशन के मामले में भी एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक से आगे है। नए क्रेडिट कार्ड जारी करने में भी बाजार में एचडीएफसी बैंक का दबदबा कायम है। एचडीएफसी बैंक के लिए HDFC के ग्राहकों को क्रॉस-सेलिंग के काफी मौके हैं।

डेरिवेटिव्स टाइम बम

Axis Bank MF के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर आशीष गुप्ता ने डेरिवेटिव मार्केट को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि बहुत बड़ा डेरिवेटिव मार्केट खुद अतिरिक्त मैक्रो और मार्केट रिस्क की वजह बन सकता है। उन्होंने इंडिया में इक्विटी ऑप्शंस ट्रेडिंग में जबर्दस्त उछाल की वजह से ऐसा कहा है। उधर, एक्सचेंजों का ध्यान FMCG की तरह सेल्स बढ़ाने के लिए सैशे के इस्तेमाल पर गया है। गुप्ता का मानना है कि कम अवधि के ऑप्शंस की शुरुआत से 'सैशे साइज' ट्रेडिंग शुरू हो गई है। इससे रिस्क कवर करने के लिए पूंजी की जरूरत पहले के मुकाबले कम हो गई है। मंथली कॉन्ट्रैक्ट्स के मुकाबले वीकली ऑप्शंस सस्ते हैं। बायर्स को इसके लिए सिर्फ 0.5-5 फीसदी चुकाने पर पूरी नोशनल वैल्यू का एक्सपोजर मिल जाता है।

शिपिंग सेक्टर में रिसेशन की आशंका

जेपी मॉर्गन के जेम्स सुलिवान का कहना है कि उनकी कंपनी को चीन के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। इसकी वजह यह है िक कॉर्पोरेट अर्निंग्स रिवीजंस 18 साल के औसत से कम है। यह हालात में बदलाव का संकेत है। उधर, गोल्डमैन सैक्स ने ग्लोबल शिपिंग इंडस्ट्री में सुस्ती की आशंका जताई है। Zerohedge.com ने लिखा है कि शिपिंग में आने वाले रिसेशन का अंदाजा किसी को नहीं है। गोल्डमैन सैक्स के एनालिस्ट Patrick Creuset के मुताबिक, फ्रेट रेट्स और अर्निंग्स में इतनी कमी आ सकती है कि यह शिपिंग कंपनियों पर दबाव का कारण बन सकता है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।