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Short Call: निवेशकों की गोल्ड में दिलचस्पी बढ़ने की क्या है वजह, Dixon Technologies और ONGC क्यों सुर्खियों में हैं?

मार्केट पर बुल्स की मजबूत पकड़ बनी हुई है। लेकिन, निवेशकों को हाई वैल्यूएशन की भी चिंता है। इसका संकेत गोल्ड में आई तेजी से मिलता है। निवेशक हेजिंग के लिए गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। इससे गोल्ड की कीमत ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच गई है

अपडेटेड Sep 12, 2024 पर 10:02 AM
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ओएनजीसी के शेयर 11 सितंबर को 3 फीसदी गिरकर 286.90 रुपये पर बंद हुए। इसकी वजह क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट है।
     
     
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    स्टॉक मार्केट अपने बुल रन को लेकर चर्चा में बना हुआ है। उधर, कमोडिटी मार्केट में भी रौनक है। गोल्ड ने वापसी की है। इसकी कीमत रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गई है। शेयरों में खरीदारी जारी है, लेकिन जिस तरह से निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड में बढ़ी है, उसकी कुछ वजह होगी। निवेशकों को हाई वैल्यूएशन की फिक्र है। उधर, अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी की उम्मीद बनी हुई है। लेकिन, जापान में इंटरेस्ट रेट बढ़ने और येन-डॉलर पर उसके संभावित असर के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है।

    अमेरिकी चुनाव (US Elections) के नतीजों को लेकर भी अनिश्चितता है। नए राष्ट्रपति की पॉलिसी किस तरह की होगी और दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमीज के बीच आगे किस तरह के रिश्ते रहते हैं, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। उधर, मध्यपूर्व और पूर्वी यूरोप में तनाव जारी है। संभवत: इन वजहों से निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड (Gold) में बढ़ी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "इस अनिश्चित माहौल में इस पर कोई आश्चर्य नहीं कि निवेशकों ने हेजिंग के लिए गोल्ड ऑप्शंस मार्केट का रुख किया है। "

    Dixon Technologies

    डिक्शन टेक्नोलॉजीज का शेयर 11 सितंबर को 2 फीसदी चढ़कर 12,775.05 रुपये पर बंद हुए। दरअसल, विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA और HSBC ने एचपी इंडिया की डील के बाद Dixon Technologies के शेयरों का टारगेट प्राइस बढ़ा दिए हैं। बुल्स का कहना है कि कंपनी की ग्रोथ में इंडस्ट्रियल ईएमएस का बड़ा हाथ होगा। इसके अलावा डिक्शन टेक्नोलॉजीज ने बिजनेस के विस्तार के लिए ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों रास्ते खुले रखे हैं। कंपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में मीडियम टर्म में लैपटॉप सेगमेंट में करीब 20-25 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल करना चाहती है। उधर, बेयर्स की दलील है कि डिक्शन टेक्नोलॉजीज का शेयर एक साल में 140 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है। इससे रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो पर दबाव दिख रहा है। कंपनी की सेल्स ग्रोथ में मोबाइल सेगमेंट की बड़ी हिस्सेदारी रही है, जो PLI के तहत आता है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और लाइटिंग की सेल्स ग्रोथ ज्यादा नहीं रही है।


    ONGC

    ओएनजीसी के शेयर 11 सितंबर को 3 फीसदी गिरकर 286.90 रुपये पर बंद हुए। इसकी वजह क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट है। क्रूड का प्राइस तीन साल के निचले स्तर के करीब आ गया है। बुल्स का कहना है कि केजी-98/2, मुंबई हाई नॉर्थ रिडेवलपमेंट फेज-IV और सीबीएम फील्ड्स में उत्पादन के चलते ONGC का कुल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। पिछली चुनौतियों के बावजूद इन प्रोजेक्ट्स और रिकवरी टेक्निक में इम्प्रूवमेंट से उत्पादन में इजाफा देखने को मिल सकता है। हालांकि, लंबी अवधि में स्थितियां अनिश्चित दिख रही हैं। उधर, बेयर्स का कहना है कि मैच्योर एसेट्स में उत्पादन घटने का असर कंपनी के कुल उत्पादन पर पड़ा है। केजी-98/2 प्रोजेक्ट में देर हुई है। उधर, सीरिया और सूडान में जियोपॉलिटिकल स्थितियां अनिश्चित दिख रही हैं। क्रूड की कीमतों में नरमी का असर भी अर्निंग्स पर पड़ेगा।

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    CEAT

    सीएट के शेयर 11 सितंबर को 1 फीसदी चढ़कर 2,858 रुपये पर क्लोज हुए। इंडिया रेटिंग्स ने कंपनी के शेयर का आउटलुक 'स्टेबल' से 'पॉजिटिव' कर दिया है। बुल्स का कहना है कि कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ पहली तिमाही में 9 फीसदी रही है। डबल डिजिट रिप्लेसमेंट ग्रोथ और एक्सपोर्ट में लगातार रिकवरी से आउटलुक में इम्प्रूवमेंट होगा। टू-व्हीलर्स मार्केट में रिकवरी आ रही है और एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भी तस्वीर अच्छी है। इससे कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। कंपनी ने पूंजीगत खर्च का प्लान बनाया है, जिससे बैलेंसशीट को मजबूती मिलेगी। उधर, बेयर्स की दलील है कि कमोडिटी की कीमतों में उछाल है। रबड़ की कीमतें बढ़ रही हैं। उधर, एक्सपोर्ट मार्केट में अगर सुस्ती आती है तो स्टॉक की रिटेरिंग में दिक्कत आएगी। टायर्स के आयात पर रिस्ट्रिक्शन जारी है। अगर सरकार का रुख इस मामले में बदलता है तो आयातित टायर्स की वजह से प्रतियोगिता बढ़ सकती है।

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