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Bajaj Housing Finance IPO Listing: रिकॉर्डतोड़ आईपीओ की शानदार लिस्टिंग, पहले ही दिन पैसे डबल, अब क्या करें?

Bajaj Housing Finance IPO Listing: बजाज हाउसिंग फाइनेंस डिपॉजिट नहीं लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) है। इसके आईपीओ को निवेशकों की रिकॉर्ड बोली मिली थी। आईपीओ के तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है। चेक करें कंपनी की कारोबार सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Sep 17, 2024 पर 9:21 AM
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Bajaj Housing Finance IPO Listing: बजाज हाउसिंग फाइनेंस का ₹6,560 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 9-11 सितंबर के बीच खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Bajaj Housing Finance IPO Listing: बजाज ग्रुप की हाउसिंग फाइनेंस कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ को 3.24 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बोली मिली। अब आज इसकी धांसू लिस्टिंग ने निवेशकों को भी खुश कर दिया। इसके 6560 करोड़ रुपये के आईपीओ को ओवरऑल 67 गुना से अधिक बोली थी। आईपीओ के तहत 70 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 150 रुपये और NSE पर 150 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 114.28 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Bajaj Housing Finance Listing Gain) मिला।

लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 164.99 रुपये (Bajaj Housing Finance Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 135.70 फीसदी मुनाफे में हैं।

एक्सपर्ट्स की क्या है सलाह?


आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख (इक्विटी रिसर्च-फंडामेंटल) नरेंद्र सोलंकी ने निवेशकों को सलाह दी है लॉन्ग टर्म के लिए भी इसे होल्ड कर सकते हैं। नरेंद्र के मुताबिक कंपनी मौजूदा ग्राहकों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ नए ग्राहकों को जोड़कर और नए इलाकों में प्रवेश कर पूरे मार्केट में अपने दबदबे को बढ़ाने की कोशिश में है। नरेंद्र के मुताबिक इसके प्रीमियम वैल्यूएशन से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसे तेजी से बढ़ते AUM ग्रोथ से सपोर्ट मिल रहा है।

हालांकि एयूएम कैपिटल के रिसर्च हेड राजेश अग्रवाल ने निवेशकों को कुछ मुनाफा बुक करने की सलाह दी है। एसएमटी की को-फाउंडर और सेबी-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट वीएलए अंबाला ने भी निवेशकों को आधा मुनाफा निकालने की सलाह दी है और बाकी निवेश को लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड करने की सलाह दी है। मेहता इक्विटी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कंजर्वेटिव इनवेस्टर्स को मुनाफा बुक करने की सलाह दी है। वहीं लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को उन्होंने होल्ड करने की सलाह दी है। ब्रोकरेज SMIFS भी इसे लेकर बुलिश है क्योंकि वित्त वर्ष 2024 में पियर्स के मुकाबले इसका ग्रॉस एनपीए और नेट एनपीए सबसे कम रहा। ब्रोकरेज के मुताबिक आगे भी इसकी ग्रोथ मजबूत बने रहने के आसार हैं।

Bajaj Housing Finance IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

बजाज हाउसिंग फाइनेंस के ₹6,560.00 करोड़ के आईपीओ में निवेशकों ने 9-11 सितंबर के बीच ₹66-₹70 के प्राइस बैंड और 214 शेयरों के लॉट में पैसे लगाए। इस इश्यू को हर कैटेगरी के निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला। एंप्लॉयीज का शुरुआत में रिस्पांस ठंडा था और दो दिन तक उनके लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था लेकिन फिर आखिरी दिन उन्होंने जमकर उत्साह दिखाया। ओवरऑल यह इश्यू 67.43 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 222.05 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 43.98 गुना, खुदरा निवेशकों का हिस्सा 7.41 गुना, एंप्लॉयीज का हिस्सा 2.13 गुना और शेयरहोल्डर्स का कोटा 18.54 गुना भरा था।

इस आईपीओ के तहत 3,560.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 42,85,71,429 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। ऑफर फॉर सेल के तहत शेयर इसकी पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) बेचेगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल बजाज हाउसिंग फाइेंस के कैपिटल बेस को बढ़ाने में होगा।

Bajaj Housing Finance की डिटेल्स

वर्ष 2008 में बनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस डिपॉजिट नहीं लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) है। वर्ष 2015 से यह नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के पास रजिस्टर्ड है और वित्त वर्ष 2018 से यह मॉर्गेज लोन मुहैया करा रही है। RBI ने इसे भारत में अपर लेयर एनबीएफसी के तौर पर घोषित किया है। आरबीआई के इस स्टेप के चलते ही बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ आया है क्योंकि RBI के नियमों के मुताबिक अपर लेयर एनबीएफसी बनने के बाद तीन साल के भीतर शेयर लिस्ट होना अनिवार्य है और बजाज फाइनेंस के लिए यह डेडलाइन सितंबर 2025 में खत्म होनी थी।

बजाज ग्रुप की यह कंपनी होम लोन, प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन (LAP- लोन अगेन्स्ट प्रॉपर्टी), रेंट कंसेसन और डेवलपर फाइनेंस जैसी सर्विसेज देती है। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके 3,08,693 एक्टिव कस्टमर थे जिसमें 81.7 फीसदी तो होम लोन वाले थे। देश के 20 राज्यों और 3 यूनियन टेरिटरीज के 174 स्थानों पर 215 ब्रांचेज हैं। इसके छह सेंट्रलाइज्ड रिटेल लोन रिव्यू सेंटर और सात सेंट्रल लोन प्रोसेसिंग सेंटर हैं।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 709.62 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 1,257.8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 1,731.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 42 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 7,617.71 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 482.61 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 2,208.73 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।

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