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Skymet ने जारी किया 2022 के लिए अपना शुरुआती मॉनसून अनुमान, रह सकता है सामान्य

पिछले 2 मानसून सेशन एक बाद एक लगातार ला -नीना से प्रभावित रहे हैं जो अब खत्म हो रहा है। इसका मतलब यह है कि 2022 का मानसून ला-नीना के उतरने के साथ शुरु होगा और बाद में ये ला-नीना इफेक्ट न्यूट्रल होता नजर आएगा

अपडेटेड Feb 21, 2022 पर 4:26 PM
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स्काइमेट ने 2022 के लिए अपना शुरुआती मानसून अनुमान जारी करते हुए कहा है कि उम्मीद है कि अगामी मानसून "नॉर्मल" रहेगा।

प्राइवेट सेक्टर की मौसम का हाल बताने वाली कंपनी Skymet ने सोमवार को कहा है कि भारत में 75 फीसदी से ज्यादा बरसात लाने वाला और जून से सितंबर अवधि में सक्रिय रहने वाला दक्षिण -पश्चिम मानसून इस बार भी सामान्य रह सकता है। स्काइमेट ने 2022 के लिए अपना शुरुआती मानसून अनुमान जारी करते हुए कहा है कि उम्मीद है कि अगामी मानसून "नॉर्मल" रहेगा।

स्काईमेट ने आज जारी अपने बयान में आगे कहा है कि मानसून में सामान्य तौर पर इसकी सघनता, अवधि और इसके वापसी को लेकर एक बड़ा वार्षिक अंतर देखने को मिलता है। हालांकि वर्तमान स्तरों पर इन सब के बारे में एकदम सही अनुमान लगना कठिन है। हालांकि जो शुरुआती रुझान नजर आ रहे है उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है। आगामी 4 महीने लंबा मानसून सेशन सामान्य रहेगा।

गौरतलब है कि पिछले 2 मानसून सेशन एक बाद एक लगातार ला -नीना से प्रभावित रहे हैं जो अब खत्म हो रहा है। इसका मतलब यह है कि 2022 का मानसून ला-नीना के उतरने के साथ शुरु होगा और बाद में ये ला-नीना इफेक्ट न्यूट्रल होता नजर आएगा।


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स्काइमेंट के जी पी शर्मा का कहना है कि 2020-21 में बैक टू बैक ला-नीना देखने को बाद अब एक बार ला-नीना की संभावना नहीं है। भू-मध्यीय प्रशांत (equatorial Pacific) क्षेत्र में समुद्र के सतह का तापमान शीर्घ की बढ़ना शुरु हो सकता है और जिसके चलते जारी ला-नीना की संभावना घट जाएगी।

इसके पहले इसी महीने शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि भारत में खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में शुरु होने वाले नए वित्त वर्ष में 4.5 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है जो इसके अपर टालरेंस लेवल से नीचे है। आरबीआई ने यह अनुमान इस आधार पर लगाया है कि नई फसल के आने के साथ ही सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें कम होंगी और अच्छे मानसून की संभावना भी है। जिसके चलते महंगाई नियत्रंण में रहेगी। हालांकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई से जुड़े जोखिम को बढ़ा सकती है। आरबीआई ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 5.3 फीसदी रखा है।

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