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20 दिसंबर को स्मॉल और मिडकैप ने दिया तगड़ा झटका, क्या आगे भी जारी रहेगी इनकी पिटाई ?

लंबे समय से जारी तेजी के बाद बाजार में कल मुनाफावसूली आई। इसके कारण 20 दिसंबर को भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में क्रमशः 1.3 फीसदी और 1.4 फीसदी की गिरावट रही। ये 26 अक्टूबर के बाद से इनकी सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट ने कोविड के ​​मामलों में हो रही बढ़त और मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के महंगे वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताएं बढ़ा दी है

अपडेटेड Dec 21, 2023 पर 11:26 AM
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20 दिसंबर को बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में क्रमश: लगभग 3.4 प्रतिशत और 3.1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली

Stock market : 20 दिसंबर को बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में भारी गिरावट देखने को मिली। कुल मिलाकर बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में लगभग 8.91 लाख करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट में लगभग 50 फीसदी हिस्सेदार स्मॉल और मिडकैप शेयरों की थी। कल के कारोबारी सत्र में बीएसई स्मॉलकैप में शामिल शेयरों के मार्केट कैप में 2.05 लाख करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली। इसी तरह बीएसई मिडकैप इंडेक्स में शामिल शेयरों के मार्केट कैप में भी 2.05 लाख करोड़ रुपये की ही गिरावट देखने को मिली। वहीं, बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स में शामिल कंपनियों के मार्केट कैप में कुल मिलाकर 2 लाख करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई।

लंबी तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली

अप्रैल से जारी लंबी तेजी के बाद बाजार में कल मुनाफावसूली आई। इसके कारण 20 दिसंबर को भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में क्रमशः 1.3 फीसदी और 1.4 फीसदी की गिरावट रही। ये 26 अक्टूबर के बाद से इनकी सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट ने कोविड के ​​मामलों में हो रही बढ़त और मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के महंगे वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताएं बढ़ा दी है।


COVID-19 ने बढ़ाई मुश्किल

सिंगापुर ने मास्क लगाने अनिवार्यता को फिर से लागू कर दिया गया है। COVID-19 वायरस के एक नए सब-वैरिएंट JN1 के प्रसार के कारण एक ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी की गई है। भारत ने इस नए सब-वैरिएंट के 21 मामले दर्ज किए हैं। इसके चलते केंद्र सरकार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्क रहने का आग्रह करना पड़ा है।

20 दिसंबर को बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में क्रमश: लगभग 3.4 प्रतिशत और 3.1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। पिछले सात हफ्तों में मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों और दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती किए जाने की उम्मीदों के कारण बेंचमार्क इंडेक्सों में उछाल देखने को मिल था।

गिरावट के बावजूद पॉजिटिव नजरिया कायम

इस गिरावट के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की तरफ से जारी खरीदारी और मजबूत मैक्रो डेटा का देखते हुए विश्लेषकों का भारतीय बाजारों के प्रति सकारात्मक रुख कायम है। विश्लेषकों ने कहा कि सिस्टम में उपलब्ध भारी मात्रा में नकदी और क्रिसमस और नए साल के जोश के चलते आगे बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद है।

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मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि बाजार कुछ समय से रिकॉर्ड बनाने की होड़ में था। इसके चलते ये ओवरबॉट जोन में चला गया। इसलिए मुनाफावसूली के रूप में हिचकी आने की उम्मीद पहले से ही थी जो कल सामने आ गई। कल सभी सेक्टरों में बिकवाली देखने को मिली और यहां तक कि मिड और स्मॉल-कैप शेयर भी मंदी की चपेट में आ गए। लाल सागर में जहाजों पर हाल के हमलों के मद्देनजर कच्चा तेल एक बड़ी शॉर्ट टर्म चुनौती के रूप में उभर सकता है। इस कमोडिटी की कीमतों में मध्यपूर्व की बिगड़ती स्थिति के चलते वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है।

 

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