Stock Market : साल 2023 स्टॉक मार्केट के लिए शानदार रहा। इस दौरान छोटे शेयरों के निवेशकों ने जमकर मुनाफा कमाया है। देश की बेहतर इकोनॉमी और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 मुनाफे का साल साबित हुआ है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयर बाजारों में लंबे समय से तेजी का दौर जारी है। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में अधिक तेजी देखी गई।
स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में तेजी
इस साल 22 दिसंबर तक BSE स्मॉलकैप इंडेक्स में 13,074.96 अंक या 45.20 फीसदी की तेजी आई है, जबकि मिडकैप इंडेक्स 10,568.18 अंक या 41.74 फीसदी चढ़ा है। वहीं इस अवधि में BSE का 30 शेयर वाले सेंसेक्स में 10,266.22 अंक या 16.87 फीसदी की तेजी आई।
इस साल 20 दिसंबर को स्मॉलकैप इंडेक्स 42,648.86 अंक के अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। उसी दिन मिडकैप इंडेक्स भी 36,483.16 अंक के अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। BSE इंडेक्स भी 20 दिसंबर को अपने ऑल टाइम हाई 71,913.07 अंक पर पहुंच गया था।
मिड कैप कंपनियां लार्ज-कैप और स्मॉल-कैप कैटेगरी के बीच आती हैं। इनका मार्केट कैप 5,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये के बीच आता है। एनालिस्ट्स ने इस साल इक्विटी बाजार में तेजी का श्रेय बेहतर घरेलू व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों और खुदरा निवेशकों के भरोसे को दिया।
एयूएम कैपिटल के नेशलन हेड (वेल्थ) मुकेश कोचर ने कहा, "जब ओवरऑल इकोनॉमी मजबूत हो जाती है, तो स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट अच्छा प्रदर्शन करते हैं।" कोचर ने इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 को एक "बड़ा वर्ष" करार दिया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2023 में भारी तेजी के बाद निकट अवधि में छोटे शेयरों में सुधार आ सकता है। हालांकि, साल की शुरुआत शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव से भरी थी, लेकिन अंत तक इसमें शानदार तेजी देखी गई।
साल की शुरुआत में आई थी गिरावट
इस साल 28 मार्च को स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। BSE स्मॉलकैप इंडेक्स 28 मार्च को अपने एक साल के निचले स्तर 26,120.32 अंक पर रहा, जबकि मिडकैप इंडेक्स उसी दिन अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 23,356.61 अंक पर पहुंच गया था। वहीं इस साल 20 मार्च को बीएसई सेंसेक्स अपने एक साल के निचले स्तर 57,084.91 अंक पर पहुंच गया था।
निवेशकों को बड़े वैश्विक बैंकों में उथल-पुथल से लेकर व्यापक आर्थिक चिंताओं तक कई नेगेटिव खबरों से जूझना पड़ा। हालांकि नवंबर और दिसंबर के महीनों में बाजार ने वापसी की। एक्सपर्ट्स का मानना है कि छोटे शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशकों द्वारा खरीदे जाते हैं जबकि विदेशी निवेशक ‘ब्लू चिप’ या बड़ी कंपनियों पर फोकस करते हैं।
बाजार में तेजी की ये है वजहें
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा ने इस साल बाजार में तेजी की मुख्य वजहों के बारे में बताया। इसमें खुदरा निवेशकों की भागीदारी में बढ़ोतरी, सितंबर तिमाही में उम्मीद से अधिक 7.6 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ और निवेशकों का अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद करना शामिल है।
अन्य कारक 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक स्थिरता और 2023 में इक्विटी बाजार में विदेशी निवेश का संकेत हैं। इस साल अभी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का कुल निवेश 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। एफपीआई ने इस महीने अभी तक भारतीय इक्विटी बाजारों में 57,300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।