आपने कुछ ही महीनों में एक शेयर की वैल्यू दो गुनी, तीन गुनी होते देखी होगी। लेकिन, एक डॉलर में खरीदे गए स्टॉक्स की वैल्यू चढ़कर 2,752 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने के बारे में आपने शायद ही कभी सुना होगा। इतना ही नहीं, पीक के दौरान इन स्टॉक्स की वैल्यू 22,700 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। अब सेबी इस मामले की जांच कर रहा है। यह मामला एलएस इंडस्ट्रीज (LSIL) से जुड़ा है। यह कंपनी 1993 में बनी थी। खास बात यह कि इस वित्त वर्ष में दो तिमाहियों में इस कंपनी का रेवेन्यू जीरो रहा है। सेबी ने जांच में पाया है कि पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच इस कंपनी के शेयर का प्राइस 22.50 रुपये से 267 रुपये पहुंच गया।
मार्केट रेगुलेटर ने अंतरिम आदेश जारी किया
SEBI के होल-टाइम अश्विनी भाटिया ने इस मामले में अंतरिम आदेश सह कारण बताओ नोटिस 11 फरवरी को जारी किया। इसमें कई बातों की चर्चा है। बीते एक साल में बगैर किसी वजह शेयर की कीमत में आई तेजी और गिरावट का भी जिक्र है। यह भी कहा गया है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब थी, जिससे शेयरों की कीमतों में आए उतारचढ़ाव कंपनी की तरफ से किए गए ऐलान से मेल नहीं खाते हैं।
शेयर ट्रांसफर में FEMA के उल्लंघन की आशंका
भाटिया ने कंपनी के पूर्व डायरेक्टर Suet Meng Chay की तरफ से दुंबई के Jahangir Panikkaveettil Perumbarambathu (JPP) को किए गए शेयरों के ट्रांसफर पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि शेयरों के इस ट्रांसफर में FEMA के उल्लंघन की आशंका है। इसलिए इस पैसे को इंडिया से बाहर जाने से रोकने के लिए मार्केट रेगुलेटर की तरफ से जल्द कदम उठाए जाने की जरूरत है। SEBI ने एलएस इंडस्ट्रीज, JPP और मामले से जुड़े चार एनटिटीज की मार्केट एक्टिविटीज पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
सिर्फ 1 डॉलर में करोड़ रुपये के शेयरों का ट्रांसफर
जेपीपी को इन शेयरों को मार्केट में बेचने से 1.14 करोड़ रुपये के गलत फायदे होने का अनुमान है। इस पैस को जब्त कर लिया गया है। सेबी की जांच से पता चला है कि Suet Meng Chay ने 10.28 करोड़ रुपये के शेयर JPP को ट्रांसफर किए। जेपीपी के केवायसी डॉक्युमेंट से पता चलता है कि वह एक एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर और Dutch Oriental Mega Yatch LLC (दुबई) का एंप्लॉयी है। ये शेयर सिर्फ 1 डॉलर में बेच दिए गए। दो साल के अंदर इन शेयरों की वैल्यू बढ़कर आसमान में पहुंच गई।
कंपनी का रेवेन्यू FY25 की दो तिमाहियो में जीरो
ध्यान देने वाली बात यह है कि दो साल में कंपनी का रेवेन्यू और नेट लॉस 40 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा रहा। FY25 में तो कंपनी का रेवेन्यू जीरो है। बाद में यह पता चला कि JPP अपने फेसबुक नेटवर्क के जरिए LS Industries से जुड़ा था। सेबी के होल टाइम डायरेक्टर भाटिया ने निवेशकों को भी सावधान किया है। उन्होंने कहा है कि निवेशकों के खस्ता हाल कंपनी के शेयरों में निवेश करना ठीक वैसा ही है जैसा हेमिलन के पाइड पाइपर के पीछे-पीछे बच्चों का चलना। कई बार मार्केट से अच्छी कमाई होती है, लेकिन मार्केट से ऐसी असधारण कमाई नहीं हो सकती।
यह भी पढ़ें: Sensex और Nifty फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाएंगे, सिर्फ इन 2 बातों का है इंतजार
जीरो रेवेन्यू के बावजूद मार्केट वैल्यूएशन 5,500 करोड़
यह पूरा मामला तब सामने आया जब एनडीटीवी प्रॉफिट ने 3 फरवरी, 2025 को एक खबर पब्लिश की। इस खबर में इस रहस्यमयी कंपनी के बारे में बताया गया था, जिसकी मार्केट वैल्यूएशन जीरो रेवेन्यू के बावजूद 5,500 करोड़ रुपये थी। इस खबर के बाद SEBI तुरंत हरकत में आया। उसने मामले की जांच शुरू कर दी। उसने कहा है कि जांच शुरू होते ही यह पता चला कि कंपनी के शेयरों की कीमतों में उतारचढ़ाव को लेकर कुछ तो गड़बड़ है। 23 जुलाई, 2024 से 27 सितंबर, 2024 के बीच LSIL के शेयर की कीमत 22.50 रुपये से 267 रुपये पहुंच गई थी। यह सिर्फ दो महीने में 1089 फीसदी का रिटर्न है।