IRB Infrastructure Developers Share Price: हाईवे सेगमेंट में देश की पहली इंटीग्रेटेड मल्टी-नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेयर आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सितंबर तिमाही के धमाकेदार कारोबारी नतीजे का खुलासा करने के बाद एक और बड़ा ऐलान किया। आईआरबी इंफ्रा ने शुक्रवार को सितंबर 2025 तिमाही के धमाकेदार कारोबारी नतीजे का ऐलान किया था और अब आज कंपनी ने खुलासा किया है कि इसकी एक इकाई को ₹9270 करोड़ का NHAI प्रोजेक्ट मिला है जिसे आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स मैनेज करेगी। इसका असर अब सोमवार 13 नवंबर को स्टॉक मार्केट खुलने पर इसके शेयरों पर दिख सकता है।
अभी की बात करें तो शुक्रवार 14 नवंबर को बीएसई पर यह 1.32% की बढ़त के साथ ₹42.91 पर बंद हुआ था। पिछले साल 10 दिसंबर 2024 को यह ₹61.98 पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से यह नौ महीने में 34.59% फिसलकर 26 सितंबर 2025 को ₹40.54 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।
कैसा प्रोजेक्ट मिला है IRB Infra को?
आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स ने आज एक्सचेंज फाइलिंग में खुलासा किया है कि इसकी प्राइवेट इंवेस्टमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (InvIT) को NHAI (नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से लेटर ऑफ अवार्ड मिला है। यह प्रोजेक्ट NH-28 के लखनऊ-अयोध्या सेक्शन पर किमी 15.400 से किमी 137.970, NH-28 के अयोध्या-गोरखपुर सेक्शन पर किमी 136.759 से किमी 252.860 और NH-731 के लखनऊ-सुल्तानपुर सेक्शन पर किमी 90.370 से किमी 217.795 तक टोलिंग, ऑपरेशन, मेंटनेंस और ट्रांसफर का काम मिला है। यह प्रोजेक्ट 366.096 किमी लंबा है।
एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई डिटेल्स के मुताबिक ट्रस्ट एनएचएआई को ₹9270 करोड़ का बिड-कंसेशन फीस देगी और 20 वर्षों की रियायत अवधि के लिए टोलिंग और O&M (ऑपरेशंस एंड मेंटेनेंस) का काम संभालेगी। टैरिफ रिविजन को सालाना 3% और WPI (होलसेल प्राइस इंडेक्स) के 40% पर फिक्स किया गया है। इस प्रोजेक्ट के साथ ही ट्रस्ट का एसेट पोर्टफोलियो करीब 20% बढ़कर ₹65 हजार करोड़ होने वाला है। आईआरबी इंफ्रा के चेयरमैन और एमडी Virendra D Mhaiskar का कहना है कि धार्मिक पर्यटन के लिए इस कोरिडोर की महत्ता को देखते हुए यह प्रोजेक्ट कंपनी के लिए काफी अहम है और इसके जरिए कंपनी की TOT (टोल, ऑपरेट, ट्रांसफर) स्पेस में हिस्सेदारी 42% हो गई। उन्होंने कहा कि यह देश के नेशनल हाईवे मोनेटाइजेशन फ्रेमवर्क में लॉन्ग-टर्म प्राइवेट कैपिटल के बढ़ते भरोसे को दिखाता है।
आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर का सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर शुद्ध मुनाफा 41% बढ़कर ₹140.8 करोड़ और कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 10.4% बढ़कर ₹1,751 करोड़ पर पहुंच गया। इसकी ग्रोथ में टोल रेवेन्यू में 11% की बढ़ोतरी का अहम योगदान रहा। ऑपरेटिंग लेवल पर बात करें तो कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 8% बढ़कर ₹924.7 करोड़ और मार्जिन 48.3% से सुधरकर 52.8% पर पहुंच गया।
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