Stock Market Correction:बाजार में करेक्शन का दर्द काफी गहरा, बड़े निजी बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में दिक्कतें: आलोक अग्रवाल

आलोक अग्रवाल ने कहा बड़े निजी बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में दिक्कतें हैं। बैंकों के हाई मार्जिन प्रोडक्ट में ज्यादा स्लोडाउन है। ओवरऑल अर्निंग ग्रोथ में प्राइवेट बैंकों की इतनी हाई नहीं है। ये ऐसा सेक्टर है जो काफी हद तक ओवरवोड है। ओवरवोड सेक्टर जहां पर अर्निंग ग्रोथ नहीं आ पा रही जिसके कारण यह सेक्टर आउटपरफॉर्म नहीं कर पा रहा है

अपडेटेड Jan 25, 2025 पर 6:41 AM
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आलोक अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट सेक्टर कैपेक्स होने का एक बेनेफ़िशियरी है। भारत में कैपेक्स में अनुमान के मुकाबले थोड़ी सुस्ती रही है।

बाजार में आए हालिया करेक्शन और आगे के आउटलुक पर बात करते हुए Alchemy Capital Management के Quant हेड और Fund Manager आलोक अग्रवाल ने कहा कि बाजार में करेक्शन का दर्द काफी गहरा है। भारत में काफी सारे फैक्टर्स का एकसाथ आना ही इस करेक्शन का कारण है। आलोक अग्रवाल ने आगे कहा कि यूएस इलेक्शन के बाद काफी हद तक देखा गया है कि इमर्जिंग मार्केट से पैसे निकलकर यूएस मार्केट की तरफ जा रहे है। यूएस मार्केट ऑलटाइम हाई और डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी ऐसे समय पर हुई है जब भारतीय कंपनियों के अर्निंग में स्लोडाउन है और इकोनॉमी डेटा के आउटकम भी स्लोडाउन की तरफ इशारा कर रहे है।

बाजार में स्लोडाउन है ऐसे समय पर जब बाजार के वैल्युएशन सस्ते नहीं थे। सारे फैक्टर्स का एकसाथ आने के कारण बाजार में आया करेक्शन काफी ज्यादा लग रहा है। हालांकि लंबी और मध्यम अवधि में कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही है।

बड़े निजी बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में दिक्कतें


लॉर्जकैप बैंक शेयरों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बड़े निजी बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में दिक्कतें हैं। बैंकों के हाई मार्जिन प्रोडक्ट में ज्यादा स्लोडाउन है। ओवरऑल अर्निंग ग्रोथ में प्राइवेट बैंकों की इतनी हाई नहीं है। ये ऐसा सेक्टर है जो काफी हद तक ओवरवोड है। ओवरवोड सेक्टर जहां पर अर्निंग ग्रोथ नहीं आ पा रही जिसके कारण यह सेक्टर आउटपरफॉर्म नहीं कर पा रहा है। जिस दिन ये चीजें टर्न होगी यानी जैसे की बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ और मार्जिन में सुधार होने लगेगा उस दिन से बैंकों में तेजी देखने को मिलेगी।

सेक्टर पर न्यूट्रल व्यू

सीमेंट सेक्टर पर बात करते हुए आलोक अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट सेक्टर कैपेक्स होने का एक बेनेफ़िशियरी है। भारत में कैपेक्स में अनुमान के मुकाबले थोड़ी सुस्ती रही है। जिस कारण भी सेक्टर पर इपेक्ट रहा। वहीं दूसरा इपेक्ट दूसरे बड़े प्लेयर का आना। सीमेंट पर हमारा न्यूट्रल नजरिया है। हालांकि इस सेक्टर को लंबी अवधि का नजरिया काफी पॉजिटीव है। लेकिन नियर टर्म में थोड़ी मुश्किल है। तब तक सेक्टर पर न्यूट्रल व्यू बना हुआ है।

कैपिटल मार्केट स्पेस पर पॉजिटिव नजरिया

स्टॉक मार्केट से जुड़ी ब्रोकिंग कंपनियों के शेयरों पर बात करते हुए आलोक ने कहा कि इस सेक्टर पर व्यू काफी पॉजिटिव है। भारत में ऑप्शन मार्केट में और नॉर्मल ट्रेडिंग में पेनिट्रेशन काफी हद तक बढ़ रहा है। रिटेल का व्यवहार (बिहेवियर) काफी अलग रहा है। बाजार की गिरावट में भी रिटेल निवेशकों ने म्यूचुअल फंड और बाजार में निवेश करना जारी रखा है। ब्रोकिंग सेगमेंट, वेल्थ मैनेजमेंट सेगमेंट, म्यूचुअल फंड , एक्सचेंज सेगमेंट इन सभी में ग्रोथ काफी अच्छी नजर आ रही है। बैलेंसशीट में कोई कर्ज नहीं है। कैपिटल मार्केट से जुड़ी कंपनियां के आगे के ग्रोथ रनरेट काफी हाई नजर आ रहे है। इसलिए पूरे कैपिटल मार्केट स्पेस पर हमारा पॉजिटिव नजरिया है।

 

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