Stock market crash: अगर आप बड़े लॉस में हैं तो जानिए आपको अभी क्या करना चाहिए

Stock market crash: कुछ ही महीनों में स्टॉक मार्केट की तस्वीर बदल गई है। सितंबर के आखिर तक मार्केट रोजाना तेजी के नए-नए रिकॉर्ड बना रहा था। अब मार्केट रोजाना गिरावट की वजह से सुर्खियों में हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स की परीक्षा बाजार में गिरावट के दौरान होती है

अपडेटेड Mar 03, 2025 पर 11:39 AM
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निफ्टी 50 अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 16 फीसदी गिर चुका है। मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स दिसंबर 2024 के अपने-अपने पीक से क्रमश: 22 फीसदी और 25 फीसदी टूट चुके हैं।

छह महीनों में मार्केट में काफी कुछ हो गया। सितंबर 2024 तक इंडियन मार्केट्स में रोजाना नए रिकॉर्ड बन रहे थे। लेकिन, उसके बाद मार्केट में एकतरफा गिरावट शुरू हो गई। छोटी-बड़ी हर कंपनी के स्टॉक धराशायी हो गए। इस बिकवाली की वजह से निफ्टी 50 अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 16 फीसदी गिर चुका है। मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स दिसंबर 2024 के अपने-अपने पीक से क्रमश: 22 फीसदी और 25 फीसदी टूट चुके हैं। इससे इनवेस्टर्स के पोर्टफोलियो को बड़ा झटका लगा है।

बड़ी गिरावट में होती है निवेशक के धैर्य की परीक्षा

बड़े निवेशकों की धैर्य की परीक्षा मार्केट में बड़ी गिरावट के दौरान होती है। SIP कैंसिलेशन की संख्या से इस बात का संकेत मिलता है। सवाल है कि निवेशकों को ऐसी गिरावट में क्या करना चाहिए? इस सवाल का कोई एक जवाब नहीं है, लेकिन कई गिरावट देख चुके एक्सपर्ट्स की सलाह आपके काम आ सकती हैं।


एसेट ऐलोकेशन पर फोकस बनाए रखना होगा

28 फरवरी को ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के मिहिर वोरा ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में यह बताया कि मार्केट में बड़ी गिरावट के दौरान निवेशकों को क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा, "सबसे पहले आपका इनवेस्टमेंट प्लान ठोस होना चाहिए और आपका एसेट ऐलोकेशन प्लान के मुताबिक होना चाहिए। ट्रेडर्स के लिए यह मुश्किल है लेकिन जहां तक इनवेस्टर्स की बात है तो जब तक वे अपने एसेट ऐलोकेशन पर फोकस बनाए रखते हैं, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।" उन्होंने रिस्क कंट्रोल के बारे में भी बताया क्योंकि कुछ एसेट क्लास के साथ कुछ पाबंदियां होती है, जिसके हिसाब से एसेट ऐलोकेशन में बदलाव जरूरी हो जाता है।

गिरावट स्टॉक्स को सस्ते भाव पर खरीदने का मौका

उन्होंने कहा, "आपको उतारचढ़ाव से परेशाह होने की जरूरत नहीं है। कई बार लोग इस उतारचढ़ाव की वजह से अपने इनवेस्टमेंट प्लान में बदलाव कर देते हैं। लेकिन, ऐसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि उतारचढ़ाव तो मार्केट का स्वभाव है। आपको अनुशासन बनाए रखना है।" उन्होंने कहा कि अगर कोई स्टॉक 50 फीसदी गिरता है तो इसका मतलब है कि वह उतना सस्ता हो गया है। आप इस मौके का फायदा दो तरह से उठा सकते हैं। पहला, उस स्टॉक को सस्ते प्राइस पर खरीद सकते हैं। दूसरा आप अपने पोर्टफोलियो से उन स्टॉक्स को बाहर कर सकते हैं, जो पिछली तेजी में चढ़े थे।

कमजोर स्टॉक्स को पोर्टफोलियो से निकाल सकते हैं

PSU स्टॉक्स में भी बड़ी गिरावट आई है। पिछले साल 1 अगस्त को अपने पीक से Nifty PSE Index का मार्केट कैपिटलाइजेशन 25 लाख करोड़ रुपये घट चुका है। ज्यादातर पीएसयू स्टॉक्स अपने ऑल-टाइम हाई से 20 से 60 फीसदी तक गिर चुके हैं। उन्होंने कहा, "अब पोर्टफोलियो में सिर्फ कुछ डिफेंस स्टॉक्स हैं और उन पर हमारा भरोसा कायम है।" वोरा का मानना है कि पीएसयू के अलावा बैंक और एनबीएफसी पर दांव लगाया जा सकता है, क्योंकि दो साल खराब प्रदर्शन के बाद उनमें तेजी की उम्मीद है। वैल्यूएशन और ग्रोथ की संभावनाओं के लिहाज से भी वे अट्रैक्टिव दिखते हैं।

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इन सेक्टर से दूर रहने में भलाई

इस गिरावट के बावजूद कुछ ऐसे स्टॉक्स होंगे, जिनसे इनवेस्टर्स और फंड मैनेजर्स दूरी बनाए रखना चाहेंगे। वोरा के मुताबिक, एफएमसीजी, यूटिलिटीज, ग्लोबल कमोडिटीज और मेटल से दूर रहने में फायदा है। उन्होंने कहा, "हमारी नजरें अर्निंग्स ग्रोथ और अर्निंग्स विजिबिलिटी पर हैं, क्योंकि स्वभाव से हम ग्रोथ इनवेस्टर्स हैं। हमारा मानना है कि ये सेगमेंट ज्यादा साइक्लिकल हैं या स्वभाव से कम ग्रोथ वाले हैं।"

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Mar 03, 2025 9:47 AM

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