Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में आज 31 जुलाई को भारी गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। इसके अलावा ट्रंप ने रूस से ऑयल और सैन्य उपकरण खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने का भी ऐलान किया है, जिसके चलते निवेशकों का सेंटीमेंट और कमजोर हुआ। सुबह 10:30 बजे तक, सेंसेक्स में 618.88 अंकों या 0.76% की गिरावट आई और यह 80,862.98 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी में 183.80 अंकों या 0.74% की गिरावट के साथ यह 24,671.25 के स्तर पर आ गया। निफ्टी पर रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, टाइटन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे दिग्गज शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 4 बड़े कारण रहे-
1. अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाना
ट्रंप टैरिफ के चलते आज टेक्सटाइल्स से लेकर सीफूड इंडस्ट्रीज तक, तमाम कंपनियों के शेयरों में तगड़ी गिरावट देखने को मिली। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट्स वीके विजयकुमार ने कहा, "भारत पर 25% टैरिफ और रूस से आयात पर पेनल्टी भारतीय एक्सपोर्ट को नुकसान पहुंचा सकती है और निकट भविष्य में इससे GDP ग्रोथ भी प्रभावित हो सकती है।"
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) इस पूरे जुलाई महीने भारतीय शेयर बाजार में बिकवाल बने रहे हैं। एक दिन पहले बुधवार को भी उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से करीब 850.04 करोड़ रुपये की निकासी की थी। जुलाई महीने में अब तक वे भारतीय शेयर बाजार से करीब 40,000 करोड़ रुपये बाहर निकाल चुके हैं। विदेशी निवेशकों की की ये लगातार बिकवाली से मार्केट के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर डाल रही है।
भारतीय शेयर बाजार के खुलने से पहले आज अधिकतर एशियाई शेयर बाजार भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। साउथ कोरिया, चीन और हांगकांग के शेयर मार्केट्स में कमजोरी देखने को मिली। अमेरिकी शेयर बाजार भी बुधवार को मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए, जिससे ग्लोबल लेवल पर सतर्कता का माहौल बना।
4. भारतीय रुपये में कमजोरी
भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 14 पैसे मजबूत होकर 87.66 प्रति डॉलर पर पहुंचा। माना जा रहा है कि RBI के संभावित दखल से रुपये में आज कुछ तेजी आई है। इससे एक दिन पहले बुधवार के कारोबारी सत्र में रुपया 89 पैसे टूटा था, जो इसकी पिछले तीन सालों की सबसे बड़ी गिरावट रही। रुपये में गिरावट से इंपोर्ट महंगा होता है और व्यापार घाटे में इजाफा हो सकता है।
टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट्स आनंद जेम्स का कहना है कि निफ्टी ने 24,900 के ऊपर जाकर कमजोरी दिखाई है, जिससे यह संभव है कि 24,650 का स्तर फिर से टेस्ट हो।
उन्होंने कहा, "गैप-डाउन ओपनिंग के बाद थोड़ी तेजी की कोशिश हो सकती है, लेकिन 24,788 एक अहम पिवट बना हुआ है। अगर निफ्टी 24,650–24,600 के नीचे गिरता है, तो अगला सपोर्ट 24,450 का हो सकता है। हालांकि, आज के दिन बड़ी गिरावट की संभावना कम है। अगर बाजार 24,788 के ऊपर टिकता है, तो यह सकारात्मक संकेत होगा, लेकिन किसी ठोस तेजी के लिए 24,960–25,050 के स्तर को पार करना जरूरी है।"
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