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IDFC और IDFC First Bank के विलय को मंजूरी, शेयरहोल्डर्स के पोर्टफोलियो में इस फॉर्मूले से होगा बदलाव

IDFC-IDFC First Bank Merger: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और आईडीएफसी के बोर्ड ने आपसी विलय को मंजूरी दे दी है। इस रिवर्स मर्जर के लिए स्वैप रेश्यो भी फिक्स हो गया है। विलय के इस प्रस्ताव पर बैंक कहना है कि इससे सहूलियतें बढ़ेगी और ग्रोथ को भी सपोर्ट मिलेगा। हालांकि शेयरों का रिस्पांस मिला-जुला दिख रहा है

अपडेटेड Jul 04, 2023 पर 3:48 PM
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IDFC-IDFC First Bank Merger: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने आईडीएफसी और आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग को अपने में मिलाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी है।
     
     
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    Stock Market News: आईडीएफसी (IDFC) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के विलय को दोनों के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इस रिवर्स मर्जर को मंजूरी मिलने के बाद दोनों के शेयरों में बड़ी हलचल दिख रही है। आईडीएफसी के शेयर 5 फीसदी उछलकर एक साल के हाई 115.40 रुपये पर पहुंच गए। वहीं दूसरी तरफ आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर करीब 6 फीसदी फिसलकर 77.10 रुपये पर आ गए। आज दिन के आखिरी में आईडीएफसी बीएसई पर 1.92 फीसदी की बढ़त के साथ 111.20 रुपये (IDFC Share Price) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 4.02 फीसदी की कमजोरी के साथ 78.65 रुपये (IDFC First Bank Share Price) पर बंद हुआ है।

    IDFC-IDFC First Bank Merger के लिए क्या है रेश्यो

    आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने आईडीएफसी और आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग को अपने में मिलाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव के तहत आईडीएफसी के शेयरहोल्डर्स को 100 शेयरों के बदले में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 155 शेयर मिलेंगे। इस रेश्यो के तहत विलय के प्रस्ताव को दोनों यानी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और आईडीएफसी के बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी इसे नियामकों के भी मंजूरी की जरूरत पड़ेगी।


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    विलय से क्या होगा फायदा

    दोनों के विलय के बाद बैंक के शेयरों की स्टैंडएलोन बुक वैल्यू वित्त वर्ष 2023 की वित्तीय सेहत के हिसाब से 4.9 फीसदी बढ़ जाएगी। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मुताबिक विलय से आईडीएफसी एफएचसीएल, आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का कॉरपोरेट स्ट्रक्चर एक हो जाएगा और फिर रेगुलेटरी कंप्लॉयंस में आसानी हो जाएगी क्योंकि अलग-अलग कंपनियों के लिए मेहनत नहीं करनी होगी। इसके अलावा विलय से प्राइवेट सेक्टर के अन्य बड़े बैंकों की तरह बिना किसी प्रमोटर हिस्सेदारी वाले डाइवर्सिफाईड पब्लिक और इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स वाली एक कंपनी बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बैंक का कहना है कि अगले दस वर्षों में बैंकिंग सिस्टम कई गुना बढ़ने की उम्मीद है और इसका फायदा उसे मिलेगा।

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