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Stock market news : RBI policy के बाद रेट सेंसेटिव स्टॉक्स में तेजी, जानिए आरबीआई के फैसलों पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय

Stock market news: जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वी के विजयकुमार का कहना है कि MPC ने इकॉनमी में लगातार बनी मज़बूत ग्रोथ के बावजूद ग्रोथ के पक्ष में वोट करने का फैसला किया। रेट्स में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का यह एक जैसा फैसला MPC में इस आम राय का संकेत है कि गिरते रुपये के माहौल में भी ग्रोथ को और बढ़ावा देना एक ऐसा जोखिम है जिसे उठाया जा सकता है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Dec 05, 2025 पर 1:21 PM
Stock market news : RBI policy के बाद रेट सेंसेटिव स्टॉक्स में तेजी, जानिए आरबीआई के फैसलों पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय
FY 26 के लिए 7.3% GDP ग्रोथ का अनुमान मार्केट के लिए पॉजिटिव है। बैंक कुल मिलाकर पॉलिसी फैसले को पसंद करेंगे, लेकिन रेट कट पर उनसे बहुत पॉजिटिव रिस्पॉन्स की संभावना नहीं है

RBI policy : बाजार को आरबीआई की पॉलिसी पसंद आई है। इसके चलते ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों में अच्छा तेजी देखने को मिल रही है। रेट कट के फैसले के बाद निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज़ 0.8 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है। जबकि बैंक निफ्टी और PSU बैंक इंडेक्स में 0.5 फीसदी और 1 फीसदी की बढ़ोतरी नजर आ रही है। ब्याज दरें घटने से लोन लेना सस्ता हो जाता है, जिससे लोन की डिमांड बढ़ती है और फंडिंग कॉस्ट कम होती है, जिससे बैंकों और नॉन-बैंक लेंडर्स को मदद मिलती है। सस्ते लोन से गाड़ियों और घरों को खरीदना आसान हो जाता है और ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड बढ़ती है। इसके चलते रेट-सेंसिटिव ऑटो इंडेक्स 0.5 फीसदी बढ़ा है। जबकि रियल्टी इंडेक्स में 1.2 फीसदी की बढ़त हुई।

ऑटो और रियल एस्टेट जैसे रेट सेंसिटिव सेक्टर को रेट कट से होगा फायदा

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वी के विजयकुमार का कहना है कि MPC ने इकॉनमी में लगातार बनी मज़बूत ग्रोथ के बावजूद ग्रोथ के पक्ष में वोट करने का फैसला किया। रेट्स में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का यह एक जैसा फैसला MPC में इस आम राय का संकेत है कि गिरते रुपये के माहौल में भी ग्रोथ को और बढ़ावा देना एक ऐसा जोखिम है जिसे उठाया जा सकता है।

FY 26 के लिए 7.3% GDP ग्रोथ का अनुमान मार्केट के लिए पॉजिटिव है। बैंक कुल मिलाकर पॉलिसी फैसले को पसंद करेंगे, लेकिन रेट कट पर उनसे बहुत पॉजिटिव रिस्पॉन्स की संभावना नहीं है क्योंकि उनके NIMs पर दबाव पड़ेगा और अगर डिपॉजिट रेट कम किए जाते हैं तो उन्हें डिपॉजिट जुटाने में मुश्किल होगी। हालांकि, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे रेट सेंसिटिव सेक्टर को रेट कट से फायदा होगा।

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