Dalal Street: इस हफ्ते ये 10 फैक्टर शेयर बाजार के लिए रहेंगे अहम, डाल लीजिए एक नजर
30 जून को भारत के मई के फिस्कल डेफिसिट और इन्फ्रास्ट्रक्चर आउटपुट के आंकड़े जारी होंगे, वहीं एक दिन के बाद जून के लिए एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा जारी होगा
जून के डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स की एक्सपायरी के चलते अगले हफ्ते भारी उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है
Share Market Today: ग्लोबल सेंटीमेंट में सुधार, शॉर्ट करवरिंग और पिटे हुए स्टॉक्स में वैल्यू बाइंग के दम पर भारतीय शेयर बाजार दो हफ्तों की गिरावट से उबरने में कामयाब रहे। 24 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान बाजार ने 2.6 फीसदी की मजबूती दर्ज की। सेंसेक्स 1,368 अंक मजबूत होकर 52,728 पर, वहीं निफ्टी 406 अंक बढ़कर 15,699 के स्तर पर पहुंच गया। बाजार को ऑटो, बैंक, फाइनेंसियल सर्विसेज, आईटी और फार्मा सेक्टर से सपोर्ट मिला।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वीपी-रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा, जून के डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स की एक्सपायरी के चलते अगले हफ्ते भारी उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है। वैश्विक बाजारों विशेषकर अमेरिका के प्रदर्शन के साथ, क्रूड की कीमतों, मानसून आदि का भी बाजार पर असर दिखेगा।
अगले हफ्ते इन 10 फैक्टर्स का बाजार पर असर दिख सकता है :
वाहन बिक्री
Auto sales : जुलाई की शुरुआत में वाहन कंपनियों के बिक्री के आंकड़े जारी होंगे। इसीलिए, बाजार की नजर Tata Motors, Ashok Leyland, Maruti Suzuki India, TVS Motor, Hero MotoCorp, Bajaj Auto, Mahindra & Mahindra, Eicher Motors, Escorts आदि कंपनियों के शेयरों पर रहेगी।
पिछले ढाई महीने के दौरान निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और 23 फीसदी मजबूती देखने को मिली है।
मानसून की प्रगति
बाजार की नजर मानसून पर रहेगी, जिससे भारत के कृषि क्षेत्र की पानी की आधी जरूरतों को पूरा करता है। बारक्लेज के एमडी और चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट राहुल बैजोरिया ने कहा, धीमी शुरुआत के बाद बारिश में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है। नतीजतन 1-23 जून के दौरान बारिश की कमी लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) से सिर्फ 2 फीसदी कम रह गई है।
US Q1CY22 GDP : अमेरिका के जीडीपी के तिमाही आंकड़े 29 जून को जारी होंगे। मंदी की आशंकाओं के बीच बाजार की दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी पर नजर रहेगी। मई के डाटा से संकेत मिले कि जनवरी-मार्च, 2022 में इकोनॉमी में 1.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो अनुमान से ज्यादा कमजोरी है।
अन्य वैश्विक संकेत
अगले हफ्ते बाजार की नजर इन अहम ग्लोबल डाटा पर भी रहेगी :
तेल की कीमतें
Oil prices : तेल की कीमतें तेल आयातक देशों के लिए बड़ा झटका है। भारत अपनी 85 फीसदी तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, इसलिए कीमतें बढ़ने का इस पर ज्यादा असर होता है। इससे महंगाई भी बढ़ती है।
24 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 3 डॉलर मजबूत होकर 113.12 डॉलर पर बंद हुआ।
FII selling : एफआईआई ने जून में अभी तक 53,600 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की, जबकि पिछले महीने में एफआईआई ने 54,300 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने जून में अभी तक 42,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि पिछले महीने 51,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।
एक्सिस सिक्योरिटीज के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर नवीन कुलकर्णी ने कहा, एफआईआई की बिकवाली से 2021 और 2020 के मध्य के बाद किया गया निवेश साफ हो गया है। इस प्रकार, बिकवाली का दबाव कम होने की संभावना है और यदि विदेशी बाजार स्थिर होते हैं तो भारतीय बाजार में सुधार दिख सकता है।
टेक्निकल व्यू
Technical View : सैमको सिक्योरिटीज की हेड (इक्विटी रिसर्च) येशा शाह ने कहा, “कई बड़े ग्लोबल इंडेक्स में वापसी दिख रही है। अगर निफ्टी 15,200 के तात्कालिक सपोर्ट सपोर्ट लेवल से नीचे नहीं जाता है तो हम ट्रेडर्स को न्यूट्रल से कुछ बूलिश होने की सलाह देते हैं। तात्कालिक रेजिस्टैंस लेवल 15,900 का है।”
एफएंडओ एक्सपायरी
30 जून को मंथली एक्सपायरी को देखते हुए सप्ताह के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव रहने का अनुमान है। ऑप्शंस डाटा से संकेत मिलते हैं कि निफ्टी 15,400 से 16,000 की ट्रेडिंग रेंज में रह सकता है, वहीं हाल की उछाल के बाद लोअर बैंड 15,000 से ऊपर जा रहा है।
कॉर्पोरेट एक्शन
आने वाले बाजार की नजर इन अहम कॉर्पोरेट हलचल पर रहेगी :
आर्थिक आंकड़े
30 जून को भारत के मई के फिस्कल डेफिसिट और इन्फ्रास्ट्रक्चर आउटपुट के आंकड़े जारी होंगे, वहीं एक दिन के बाद जून के लिए एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा जारी होगा।
1 जुलाई को 24 को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति पता चलेगी और 17 जून को समाप्त पखवाड़े के दौरान बैंक लोन ग्रोथ का डाटा भी जारी किया जाएगा।
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