Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 17 अक्टूबर को लगातार तीसरे दिन गिरावट देखी गई। दोपहर 2 बजे के करीब, सेंसेक्स 540 अंक लुढ़ककर 80,963 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी भी 228 अंक फिसलकर 24,742 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इसके चलते बीएसई का मार्केट कैप आज करीब 6 लाख करोड़ रुपये घट गया। सिर्फ पिछले 3 दिन में दोनों इंडेक्स करीब 1.5 फीसदी तक टूट चुके हैं। ब्रॉडर मार्केट में भी बिकवाली जारी है। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स आज क्रमश: 1.53 फीसदी और 1.23 फीसदी तक गिर गए। आईटी छोड़कर बीएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे 4 अहम कारण रहे-
1. विदेशी निवेशकों की ओर से भारी बिकवाली (FII Selling)
दलाल स्ट्रीट पर अबतक जिन कंपनियों के सितंबर तिमाही के नतीजे आए हैं, उनमें से अधिकतकर ने बाजार को निराश किया है। इसमें कुछ हैवीवेट कंपनियों के नतीजे भी शामिल हैं। इससे भी मार्केट का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है। अब सबकी नजरें इंफोसिस के नतीजों पर टिकी है,जो आज 17 अक्टूबर की शाम में जारी होंगे। अगर इंफोसिस के नतीजे कममजोर रहे, तो यह पूरे आईटी सेक्टर के प्रदर्शन पर असर डाल सकता है।
देश की खुदरा महंगाई दर में एक बार फिर से तेजी देखी जा रही है। सितंबर महीने के दौरान खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच गई, जो इसका पिछले 9 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले अगस्त में महंगाई दर 3.7 फीसदी थी। खाने-पीने से जुड़ी चीजों के दाम में सबसे अधिक इजाफा देखने को मिला। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, "महंगाई दर का बढ़ने आरबीआई पर और दबाव डाल सकता है और वह ब्याज दरों में कटौती करने से पहले और इंतजार कर सकता है।"
शेयर बाजार की चाल को बदलाव के किसी ट्रिगर या न्यूज की जरूरत होती है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से बाजार को ऐसा कोई नया ट्रिगर दिख नहीं रहा है। दलाल स्ट्रीट की नजर फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, मिडिल ईस्ट के तनाव, चीन के आर्थिक प्रोत्साहनों और केंद्रीय बैंक की अगली बैठक पर टिकी है। उम्मीद है बाजार को इस महीने के अंत तक अपनी दिशा मिल सकती है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "निफ्टी 25000 के स्तर के आसपास कंसॉलिडेशन जारी रख सकता है। विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली और घरेलू निवेशकों की ओर से खरीदारी का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है। लिक्विडिटी से प्रेरित स्मॉलकैप शेयरों का बेहतर प्रदर्शन फिर से चिंता का कारण बन रहा है।" उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में सितंबर तिमाही के नतीजों आधार पर स्टॉक-स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिल सकता है। फाइनेंशियल सेक्टर के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद है। गिरावट पर आईटी कंपनियों के स्टॉक खरीदे जा सकते हैं।"
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।