इंडियन स्टॉक मार्केट्स में 7 अप्रैल को आई गिरावट ने निवेशकों को हैरान कर दिया है। खासकर नए निवेशकों को इस गिरावट से बड़ा झटका लगा है। एक झटके में इंडियन मार्केट्स 10 महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं। लेकिन खास बात ये है कि निफ्टी ने 22000 का अपना अहम सपोर्ट लेवल बचा लिया है। अगर यह सपोर्ट लेवल टूट जाता तो हमारे शेयर बाजार के लिए मुश्किलें और बढ़ जातीं।
ऐसी गिरावट का मौका 5-10 साल में एक बार आता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह निवेश का शानदार मौका है। ऐसा मौका 5-10 में सालों में एक बार आता है। इससे पहले साल 2020 में मार्च में ऐसा मौका आया था, जब कोविड की महामारी ने दस्तक दी थी। तब जिन निवेशकों ने मार्केट में निवेश किया था, आज वे रुपये के ढेर पर बैठे हुए हैं। कई निवेशकों का पैसा तो 7-8 गुना तक हो गया। 7 अप्रैल की गिरावट (Market Crash) भी निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका है। उन्हें डरने की जगह इस मौके का फायदा उठाने के बारे में सोचना चाहिए।
यह लंबी अवधि के लिए निवेश करने का सही मौका
ब्रोकरेज फर्म जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजय कुमार ने कहा, "दुनियाभर में स्टॉक मार्केट्स में गिरावट देखने को मिली है। यह कोई नहीं बता सकता कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बाद क्या होगा। अभी निवेशकों के लिए देखो और इंतजार करो की पॉलिसी बेस्ट रहेगी।" उधर, मास्टर कैपिटल सर्विसेज का विष्णु कांत उपाध्याय का कहना है कि शॉर्ट टर्म में मार्केट में उतारचढ़ाव जारी रह सकता है। ऐसे में लंबी अवधि के लिहाज से यह निवेश करने का सही मौका है।
निवेशकों को ये बातें समझने की जरूरत
वीएसआरके कैपिटल गे डायरेक्टर स्वप्निल अग्रवाल ने कहा कि निवेशकों को कुछ बातें ध्यान में रखने की जरूरत है। पहला, ट्रंप का यह टैरिफ ज्यादा समय तक जारी रहने वाला नहीं है। दूसरा, इंडिया अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका को इंडिया का निर्यात बहुत ज्यादा नहीं है। इसकी इंडिया की जीडीपी में सिर्फ 2 फीसदी हिस्सेदारी है। तीसरा, इंडिया ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहा है। उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच इस मसले पर जल्द डील हो सकती है।
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म्यूचुअल फंड के रास्ते करे मार्केट में निवेश
Mirae Asset Capital के मनीष जैन ने कहा कि इंडिया की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है। FY25 में इंडिया की जीडीपी 6.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। स्वप्निल अग्रवाल का कहना है कि अभी इनवेस्टर्स नया SIP शुरू कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार करने में मदद मिलेगी। शेयरों या म्यूचुअल फंड्स में निवेश से तब मोटी कमाई होती है, जब बड़ी गिरावट के मौके पर निवेशक एंट्री करते हैं। हर बड़ी गिरावट के बाद मार्केट रिकवर करता है। 2020 का मार्च इसका उदाहरण है, जब कोविड की वजह से मार्केट धड़ाम हो गया था।