मार्केट की साइकिल का मुकाबला करना सीख लिया तो आपको करोड़पति बनने से कोई रोक नहीं पाएगा

करेक्शन मार्केट के लिए अच्छा है। इससे मार्केट में बना बुलबुला खत्म हो जाता है। इससे लंबी अवधि के निवेश के लिए निवेश करने के नए मौके भी मिलते हैं। बीते 15 सालों में मार्केट में तीन बड़े करेक्शन आ चुके हैं। इस करेक्शन का फायदा उठाने वाले निवेशकों ने खूब पैसे कमाए

अपडेटेड Apr 25, 2025 पर 5:48 PM
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मार्केट में उतारचढ़ाव के दौरान इनवेस्टर्स पर डर हावी हो जाता है। ऐसे में वे ऐसे फैसले लेते हैं जो लंबी अवधि के इनवेस्टमेंट के टारगेट के लिए अच्छा नहीं होता है।

कैपिटल मार्केट्स साइकिल में चलता है। एक समय यह पीक पर होता है तो दूसरे समय इसमें करेक्शन दिखता है। इस तेजी और करेक्शन के बारे में पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। मार्केट में उतारचढ़ाव के दौरान इनवेस्टर्स पर डर हावी हो जाता है। ऐसे में वे ऐसे फैसले लेते हैं जो लंबी अवधि के इनवेस्टमेंट के टारगेट के लिए अच्छा नहीं होता है। लेकिन, डिसिप्लीन्ड एप्रोच और मार्केट डायनामिक्स की समझ से निवेशक के लिए इसका सामना करना आसान हो जाता है।

मार्केट में पहले भी आ चुके हैं बड़े करेक्शन

करेक्शन मार्केट के लिए अच्छा है। इससे मार्केट में बना बुलबुला खत्म हो जाता है। इससे लंबी अवधि के निवेश के लिए निवेश करने के नए मौके भी मिलते हैं। 2000-2001 का डॉट कॉम बुलबुला, 2008-09 का ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस और मार्च 2020 में कोविड की महामारी मार्केट में बड़े करेक्शन के उदाहरण हैं। इस करेक्शन में निवेश करने वाले लोगों ने रिकवरी के बाद खूब मुनाफा कमाया। लेकिन, यह ध्यान रखना होगा कि मार्केट ने उन्हीं निवेशकों को इनाम दिया, जिन्होंने धैर्य के साथ अपना निवेश मुश्किल वक्त में बनाए रखा।


करेक्शन का सामना करने में फायदा

इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने बाजार की हवा निकाल दी। हालांकि, दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले इंडिया पर ट्रंप के टैरिफ का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह इंडिया के लिए फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में गिरावट में जिन निवेशकों ने खरीदारी की होगी, उन्हें लंबी अवधि में अच्छा मुनाफा हो सकता है। मार्केट के करेक्शन को समझने के लिए कुछ चीजों के बारे में जान लेना जरूरी है।

उतारचढ़ाव दोधारी तलवार के जैसा

उतारचढ़ाव से इनवेस्टर्स का चिंतित होना स्वाभाविक है। लेकिन, यह निगेविट नहीं है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए गिरावट खरीदारी का बड़ा मौका होता है। SIP के जरिए मार्केट में निवेश करने वालों के लिए भी यह गिरावट फायदे का मौका होता है। लेकिन, इनवेस्टर डर की वजह से इस मौके का इस्तेमाल नहीं कर पाते। निवेशकों को इस उतारचढ़ाव को खरीदारी के मौके के रूप में देखना चाहिए। उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसमें पहला है सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट। यह आपके खरीद मूल्य को औसत करने में मदद करता है। आपको डायवर्सिफिकेशन का भी ध्यान रखना होगा। इसका मतलब है कि आपको अलग-अलग एसेट में पैसे लगाने होंगे।

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करेक्शन में नहीं करें ये गलतियां

कई लोग मार्केट में उतारचढ़ाव के दौरान घबराहट में अपने स्टॉक्स बेचना शुरू कर देते हैं। इससे काफी नुकसान उठाना पड़ता है। कुछ लोग अपने SIP को बंद कर देते हैं या कुछ समय के लिए रोक देते हैं। ऐसा करना आपके इनवेस्टमेंट गोल के लिए निगेटिव हो सकता है। निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि मार्केट साइकिल एक सच्चाई है। इससे कोई बच नहीं सकता। आपको सिर्फ इसका सामना करना आना चाहिए।

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