Stock Markets: जब तक रेवेन्यू में अच्छी ग्रोथ नहीं दिखती बाजार में कंसॉलिडेशन जारी रहेगा

Stock Markets: अप्रैल के निचले स्तर से मार्केट में रिकवरी दिखी थी। लेकिन, जुलाई में मार्केट पर फिर से बिकवाली दबाव देखने को मिला है। इससे निफ्टी 25,000 के लेवल से नीचे चला गया है। इससे मार्केट में सेंटीमेंट कमजोर है। फॉरेन इनवेस्टर्स लगातार बिकवाली कर रहे हैं

अपडेटेड Jul 29, 2025 पर 11:22 AM
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बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ आलोक सिंह का कहना है कि कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ नहीं बढ़ रही है। यह सिर्फ 6-8 फीसदी है।

पिछले कुछ दिनों में मार्केट्स पर दबाव बढ़ा है। निफ्टी 25,000 के लेवल से नीचे आ गया है। इसमें फॉरेन इनवेस्टर्स की बिकवाली का बड़ा हाथ है। क्या मार्केट में कंसॉलिडेशन जारी रहेगा? इस बारे में जानने के लिए मनीकंट्रोल ने बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ आलोक सिंह से बातचीत की। उनसे मार्केट्स और इकोनॉमी को लेकर कई सवाल पूछे। उन्होंने जून तिमाही के कंपनियों के नतीजों के बारे में भी बात की।

कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ नहीं बढ़ रही

सिंह ने कहा कि इंडियन मार्केट्स (Indian Markets) कंसॉलिडेशन के फेज में है। इसकी वजह कमजोर अर्निंग प्रोफाइल है। अगर पिछले फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही को छोड़ दिया जाए तो EPS (अर्निंग्स प्रति शेयर) ग्रोथ अच्छी रही है। लेकिन, इसमें प्रॉफिट मार्जिन में इजाफा, इनपुट कॉस्ट में कमी, कम टैक्स का बड़ा हाथ है। इन वजहों से कंपनियों की ऑपरेटिंग एफिशियंसी बढ़ी है। रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी नहीं रही है। यह सिर्फ 6-8 फीसदी रही है। जब तक रेवेन्यू ग्रोथ नहीं बढ़ती, मार्केट में कंसॉलिडेशन जारी रहेगा।


दूसरी छमाही में हालात बेहतर होने की उम्मीद

उन्होंने इस फाइनेंशियल की दूसरी छमाही में हालात बदलने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स घटाया है। RBI ने इंटरेस्ट रेट में कमी की है। केंद्रीय बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने के भी उपाय किए हैं। अगले साल सरकारी एंप्लॉयीज की सैलरी बढ़ने की संभावना है। इससे आगे डिमांड बढ़नी चाहिए। यह मार्केट के लिए पॉजिटिव होगा। अमेरिका के साथ अगर ट्रेड डील होती है तो इसका भी मार्केट पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।

अगस्त में आरबीआई इंटरेस्ट रेट नहीं घटाएगा

अगस्त में इंटरेस्ट रेट में कमी की संभावनाओं के बारे में सिंह ने कहा कि आरबीआई इंतजार करो और देखो की पॉलिसी अपनाएगा। इंटरेस्ट रेट में कमी करने से पहले केंद्रीय बैंक अगस्त में इनफ्लेशन के डेटा और इकोनॉमिक ग्रोथ की स्थिति को देखना चाहेगा। यह सही है कि रिटेल इनफ्लेशन कई साल के निचले स्तर पर आ गया है, लेकिन इसका लो लेवल पर बने रहना जरूरी है।

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साल के अंत तक इंटरेस्ट रेट 25 बेसिस प्वाइंट्स घट सकता है

उन्होंने कहा कि अगर रिटेल इनफ्लेशन लो लेवल पर बना रहता है तो केंद्रीय बैंक इस साल के अंत में इंटरेस्ट रेट्स में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है। जहां तक अगस्त की मॉनेटरी पॉलिसी की बात है तो केंद्रीय बैंक न तो इंटरेस्ट रेट में कमी करेगा और न ही इनफ्लेशन और ग्रोथ के अपने अनुमान में बदलाव करेगा।

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