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Stock Markets: म्यूचुअल फंड भी निवेश में बरत रहे सावधानी, जानिए जुलाई में उनके पास कितना कैश था

जुलाई में स्टॉक मार्केट्स में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इसका असर मार्केट के सेटिमेंट पर पड़ा। पिछले महीने सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांकों में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई। स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में भी कमजोरी देखने को मिली

अपडेटेड Aug 13, 2025 पर 9:43 AM
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इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों (एक्टिव) का कैश रिजर्व जुलाई में बढ़कर 1.58 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

स्टॉक मार्केट में जुलाई में आई गिरावट का असर सिर्फ रिटेल इनवेस्टर्स पर नहीं पड़ा है। म्यूचुअल फंडों ने भी पिछले महीने इनवेस्टमेंट में सावधानी बरती। इसका पता म्यूचुअअल फंडों के कैश पोजीशन से चलता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों (एक्टिव) का कैश रिजर्व जुलाई में बढ़कर 1.58 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। जून में यह 1.55 लाख करोड़ रुपये था। यह जानकारी एसीई इक्विटीज के डेटा से मिली है।

बाजार में अनिश्चितता हो सकती है वजह

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में अनिश्चितता को देखते हुए Mutual Funds ने अपने पास ज्यादा कैश रखा होगा। लेकिन, इस स्ट्रेटेजी में रिस्क है। निवेश में सावधानी बरतने की वजह हाई वैल्यूएशन हो सकती है। छोटी-बड़ी हर तरह की कंपनियों के शेयरों की वैल्यूएशन उनके हिस्टोरिकल एवरेज के मुकाबले ज्यादा है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट श्रीराम बीकेआर ने बताया कि फंड्स ऐलोकेशन का फैसला अर्निंग्स ग्रोथ और बिजनेस के प्रदर्शन के आधार पर ले रहे हैं।


जुलाई से पहले म्यूचुअल फंडों का कैश पोजीशन घटा था

जुलाई से पहले इक्विटी फंडों के कैश पोजीशन में गिरावट का ट्रेंड देखने को मिला था। अप्रैल में उनके पास 1.73 लाख करोड़ रुपये का कैश था। मई में यह घटकर 1.65 लाख करोड़ रुपये रह गया। जून में यह घटकर 1.50 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। इसकी वजह आईपीओ में निवेश और ब्लॉक डील हो सकती है। पिछले कुछ महीनों में मार्केट में बड़ी संख्या में ब्लॉक डील हुईं। आईपीओ मार्केट भी गुलजार रहा।

पिछले महीने सेंसेक्स और निफ्टी 3 फीसदी फिसले

जुलाई में स्टॉक मार्केट्स में उतार-चढ़ाव बढ़ा। इसमें कंपनियों की कमजोर प्रॉफिट ग्रोथ, विदेशी फंडों की बिकवाली और टैरिफ को लेकर अनिश्चितता का हाथ रहा। पिछले महीने Sensex और Nifty में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी करीब 2.2-2.3 फीसदी गिरे। इससे पता चलता है कि जुलाई स्टॉक मार्केट्स के लिए अच्छा नहीं रहा। मार्केट का सेंटिमेंट पूरे महीने कमजोर बना रहा।

इन कंपनियों के कैश पोजीशन में बड़ा बदलाव

जुलाई में जिन एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के कैश पोजीशन में इजाफा हुआ, उनमें पराग पारेख म्यूचुअल फंड, एक्सिस म्यूचु्अल फंड, क्वांट म्यूचुअल फंड और सुंदरम म्यूचुअल फंड शामिल हैं। यूनिफी कैपिटल, बड़ौदा बीएनबी पारिब और पीजीआईएम के कैश पोजीशन में कमी देखने को मिली।

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म्यूचुअल फंडों के पास आगे भी बढ़ सकता है कैश

एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर इक्विटी फंडों में अच्छा इनवेस्टमेंट जारी रहता है और फंड मैनेजर्स को निवेश के सही मौके नहीं दिखते तो म्यूचुअल फंडों के पास कैश और बढ़ सकता है। म्यूचुअल फंडों के लिए कुछ लिक्विडिटी बनाए रखना जरूरी होता है।

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