Sectors to watch: भारतीय शेयर बाजार में पिछले हफ्ते तेज गिरावट देखने को मिली थी। जबकि इस हफ्ते बेंचमार्क निफ्टी और सेंसेक्स में कुछ राहत मिलती दिखी है। इस हफ्ते दलाल स्ट्रीट पर बुल्स की वापसी हुई है। बाजार जानकारों का कहना कि मानना है कि इस समय फिर से तेजी शुरू होने की संभावना नहीं है। हालिया तेजी को पुलबैक के रूप में ही देखा जाना चाहिए। इस उछाल को यूएस फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की नरम टिप्पणियों के बाद आई राहत की अस्थायी रैली के रूप में ही देखा जाना चाहिए।
अब बाजार की नजर अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल और रिटेल महंगाई आंकड़ों पर रहेगी। बाजार की दिशा तय करने में इनकी अहम भूमिका होगी। इन आंकड़ों के आने भारतीय इक्विटी मार्केट में काफी ज्यादा वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है।
एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के पोर्टफोलियो मैनेजर निशित मास्टर ने मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि निवेशकों को हालिया करेक्शन को कैसे देखना चाहिए। उन्होंने इस बातचीत में ये भी बताया कि मौजूदा स्थिति में बाजार में कहां और कैसे निवेश करना चाहिए। यहां हम आपके लिए इस लंबी बातचीत का संपादित अंश दे रहे हैं।
करेक्शन से बाजार हुए हेल्दी
बाजार पर बात करते हुए निशित मास्टर ने कहा कि हाई रिटर्न के दौर के बाद भारतीय बाजारों में आये हालिया करेक्शन से बाजार के हेल्थ में सुधार की उम्मीद है। इससे छोटे और मझोले शेयरों के वैल्यूएशन में अच्छा सुधार आने की उम्मीद। बाजार में आए हालिया करेक्शन के चलते लार्ज-कैप इंडेक्स कमोबेश अपने लॉन्ग टर्म एवरेज के करीब आ गया है। जबकि स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से बढ़त पर कारोबार कर रहा है। लेकिन इसकी बढ़त में कमी आई है। इससे स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स में बना फुलाव भी कम हुआ है और ये हेल्दी हुए हैं।
कैपिटल गुड्स, हेल्थ केयर, ऑटो और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर लग रहे अच्छे
इस समय कहां करना चाहिए निवेश? इस सवाल के जवाब में निशित मास्टर ने कहा कि उन्हें वो सेक्टर पसंद हैं जिनकी कमाई में बढ़त की उम्मीद है। कैपिटल गुड्स, हेल्थ केयर, ऑटो और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर इन लेवल्स पर अच्छे दिख रहे हैं। दूसरी ओर, आईटी और मेटल दो ऐसे सेक्टर जिनसे वर्तमान समय में दूर रहने की सलाह होगी। इन दोनों सेक्टरों को इस समय मांग में गिरावट की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यूरोप में मंदी और अमेरिका में संभावित मंदी से आईटी इंडस्ट्री की मांग को चोट लग सकती है। जबकि चाइनीज आर्थिक मंदी से मेटल की मांग और भाव पर निगेटिव असर पड़ने की उम्मीद है।
ऐसे में रिटेल निवेशकों को निशित की सलाह है कि वे अच्छे कैश फ्लो की संभावना वाले क्वालिटी शेयरों में बने रहें। वोलेटाइल मार्केट में ऐसे अच्छे कैश फ्लो जेनरेशन ट्रैक रिकॉर्ड वाले शेयर खोजें जो इस समय अच्छे भाव पर मिल रहे हों और जिनमें आगे अच्छी ग्रोथ की संभावना दिख रही हो। इस वोलेटाइल मार्केट में किसी जोखिम से बचने के लिए पोर्टफोलियो का अच्छी तरह से डाइवर्सिफिकेशन करें। पोर्टफोलियो में 40-60 फीसदी हिस्सेदारी लार्जकैप को दें। वहीं, मिडकैप के लिए 20-30 फीसदी और स्मॉलकैप के लिए 20-30 फीसदी हिस्सेदारी रखें। स्मॉल और मिडकैप में निवेश करते समय अच्छे ट्रेक रिकॉर्ड वाले क्वालिटी शेयरों पर ही फोकस करें।
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