Daily Voice : कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट और फंड मैनेजर देवेन्द्र सिंघल ने मनीकंट्रोल के साथ एक बातचीत में कहा कि मौजूदा नतीजों के मौसम में आम तौर पर कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक ही रहा है। अधिक कंपनियां अनुमान से पीछे रहने की बजाय अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करती दिखी हैं। राज्यों के चुनावों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यों के चुनाव परिणामों का इक्विटी बाजारों पर बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। आगे के संकेतों के लिए जल्द ही लोगों की नजर आम चुनावों के परिणामों (लोकसभा चुनाव) की और चली जाएगी।
2024 के अंत तक यूएस फेड से दरों में कटौती की उम्मीद
इक्विटी और कैपिटल मार्केट का 2 दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले देवेन्द्र सिंघल ने इस बातचीत में आगे कहा कि यूएस फेड ने फिलहाल जो विराम लिया है उससे संकेत मिलता है कि फेड के अब तक के फैसले उम्मीद के मुताबिक असर दिखा रहे है। फेड के फैसले पर महंगाई की स्थिति का असर देखने को मिलेगा। बाजार को उम्मीद है कि 2024 के अंत तक यूएस फेड की तरफ से दरों में कटौती देखने को मिल सकती है।
कमजोर शेयरों से निकलकर क्वालिटी शेयरों में निवेश का अच्छा मौका
बाजार की चाल पर बात करते हुए देवेन्द्र सिंघल ने आगे कहा कि बाजार का हालिया करेक्शन बाजार को मजबूत होने का मौका दे रहा है। इस गिरावट में कमजोर शेयरों से निकलकर सस्ते में मिल रहे क्वालिटी शेयरों में निवेश का अच्छा मौका है। तिमाही आंकड़ों के साथ बाजार में 5 फीसदी का करेक्शन इसके वैल्यूएशन को सही स्तरों पर लाने का काम कर रहा है। अगर यहां से बाजार में और गिरावट आती है तो इस गिरावट का इस्तेमाल क्वालिटी शेयरों का पोर्टफोलियो बनाने में किया जाना चाहिए।
खपत और यूटिलिटी जैसे सुरक्षित और कम वोलेटाइल सेक्टरों पर रहे नजर
इस वोलेटाइल मार्केट में निवेशकों को खपत और यूटिलिटी जैसे सुरक्षित और कम वोलेटाइल सेक्टरों के शेयरों में निवेश करना चाहिए। ये ऐसे सेक्टर हैं जहां कमाई होने की संभावना है। कमजोर बाजार में भी इनमें तुलनात्मक रूप से कम गिरावट हुई है। हमें उम्मीद है कि मौजूदा गिरावट में ये ये सेक्टर खरीदारों के राडार पर रहेंगे। अब तक हुई भारी पिटाई के बाद आईटी शेयरों का वैल्यूएशन भी अच्छा दिख रहा है। हाल के दिनों में इस सेक्टर में नए ऑर्डरों की मात्रा बढ़ती दिखी है। अब ये सेक्टर भी निवेश के लिए अच्छा दिख रहा है। आम चुनाव भी नजदीक हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाएगी। इसका फायदा इंफ्रा, कंस्ट्रक्शन और कैपिटल गुड्स कंपनियों को मिलेगा।
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