हेल्दी लोन ग्रोथ, मार्जिन में स्थिरता, असेट क्वालिटी में लगातार हो रहे सुधार, कॉर्पोरेट बुक के साथ रिटेल और MSME बुक दोनों में ग्रोथ को देखते हुए लगता है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में भी बैंकिंग बैंकिग सेक्टर के प्रदर्शन में मजबूती देखने को मिलेगी। ये बातें मनीकंट्रोल को दिए गए एक इंटरव्यू में मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के रिसर्च हेड गौतम दुगड़ ने कही हैं। उनका मानना है कि आगे ऑटो सेक्टर के सभी सेगमेंट में रिकवरी देखने को मिलेगी। हालांकि ऑटो ओईएम (Auto OEM) और ऑटो कम्पोनेन्ट की ग्रोथ रेट में अंतर देखने को मिल सकता है।
आईटी सेक्टर पर न्यूट्रल नजरिया
भारतीय इक्विटी मार्केट का 13 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले गौतम दुगड़ ने इस बातचीत में बताया कि आईटी सेक्टर को लेकर मोतीलाल ओसवाल का वर्तमान में न्यूट्रल रवैया है। इसके साथ ही तुलनात्मक रुप से अच्छे रिस्क रिवॉर्ड रेशियो को देखते हुए मोतीलाल ओसवाल लार्ज-कैप आईटी स्टॉक पर ज्यादा बुलिश है।
ऑटो सेक्टर के सभी सेगमेंट में रिकवरी की उम्मीद
ऑटो सेक्टर पर बात करते हुए गौतम ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में वॉल्यूम और मार्जिन पर लगातार प्रतिकूल प्रभाव के कारण इस सेक्टर ने अंडरपरफॉर्म किया है। हालांकि, पिछली कुछ तिमाहियों में ऑटो सेक्टर के वॉल्यूम और मार्जिन में रिकवरी आई है। इससे सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। उम्मीद कि ऑटो सेक्टर के सभी सेगमेंट में रिकवरी बनी रहेगी। हालांकि ऑटो ओईएम (Auto OEM) और ऑटो कम्पोनेन्ट की ग्रोथ रेट में अंतर देखने को मिल सकता है।
ऑटो के अलग-अलग सेगमेंट के प्रदर्शन की बात करें तो 2-व्हीलर की ग्रामीण मांग धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। इसके साथ ही इसके निर्यात में भी बढ़त देखने को मिली है। पैसेंजर वाहन में वित्त वर्ष 2021-23 के बीच 21 फीसदी की सालाना ग्रोथ देखने को मिली है। अब ये ग्रोथ सामान्य स्तर पर रहने की उम्मीद है। वहीं, सीवी ( वाणिज्यिक वाहन) अपने सिक्लिकल ग्रोथ के मध्य चरण में हैं। लेकिन कम से कम अगली कुछ तिमाहियों में इसमें लागातार ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
मेटल शेयरों में सुस्ती कायम रहने की उम्मीद
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में एमओएफएसएल के कवरेज में शामिल मेटल शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई। इन कंपनियों आय में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। कोल इंडिया, हिंदुस्तान जिंक, जेएसपीएल, सेल, टाटा स्टील और वेदांता जैसी कंपनियों के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट उत्पादन लागत में बढ़त, कमजोर ग्लोबल मैक्रो कंडीशन और चीन में उम्मीद से कम पिकअप की वजह से आई। हालांकि कोकिंग कोल की कीमतों में कमी और तिमाही आधार अपेक्षाकृत बेहतर वॉल्यूम की वजह से मुनाफे की आंशिक भरपाई देखने को मिली। मेटल की कीमतों में हाल में आई गिरावट के चलते मेटल कंपनियों की कमाई में कमजोरी बने रहने की संभावना है। सस्ते कोयले से लागत में गिरावट का फायदा जून 2023 के बाद मिलेगा।
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