Subam Papers IPO Listing: क्राफ्ट पेपर और पेपर से जुड़े प्रोडक्ट्स तैयार करने वाली शुभम पेपर्स के शेयरों की आज BSE के SME प्लेटफॉर्म पर निराश करने वाली एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 92 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 152 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी 142.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला और लिस्टिंग पर 6.58 फीसदी पूंजी घट गई। डिस्काउंट लिस्टिंग के बाद यह और टूटा। टूटकर यह 134.90 रुपये (Subam Papers Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया। हालांकि फिर रिकवरी हुई और यह 149.10 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 1.91 फीसदी घाटे में हैं।
Subam Papers IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
शुभम पेपर्स का ₹93.70 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 92.93 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 57.18 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 243.16 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 48.97 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 61,64,800 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरतों के लिए सब्सिडियरी में निवेश और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों के तौर पर करेगी।
अक्टूबर 2006 में बनी शुभम पेपर्स क्राफ्ट पेपर और पेपर से जुड़े प्रोडक्ट्स तैयारी करती है। कच्चे माल के लिए यह खराब हो चुके कागजों का इस्तेमाल करती है। इसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल्स, एफएमसीजी, फूड, डिस्टीलरीज, फार्मा, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रिंटिंग इत्यादि इंडस्ट्रीज में होता है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 26 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2023 में यह 26.79 लाख रुपये के घाटे में आ गई। फिर स्थिति तेजी से सुधरी और वित्त वर्ष 2024 में यह 33.41 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में आ गई। इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में भी भारी उतार-चढ़ाव रहा। वित्त वर्ष 2022 में इसे 332.59 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था जो वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 510.62 करोड़ रुपये पर पहुंचा लेकिन फिर वित्त वर्ष 2024 में यह घटकर 496.97 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज 155.73 करोड़ रुपये से उछलकर 183.41 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।