Sugar Stocks: केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एथेनॉल के भाव बढ़ाने और चीनी की MSP (न्यूनतम समर्थन भाव) को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार करने का ऐलान किया तो शुगर स्टॉक्स रॉकेट बन गए। सरकार के ऐलान पर शुगर स्टॉक्स जैसे कि ईआईडी पैरी (EID Parry), बलरामपुर चीनी मिल्स (Balrampur Chini Mills), बजाज हिंदुस्तान शुगर (Bajaj Hindusthan Sugar), श्री रेणुका शुगर्स (Shree Renuka Sugars) और त्रिवेणी इंजीनियरिंग (Triveni Engineering) के शेयर 8 फीसदी तक उछल गए। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि करीब छह साल पहले वर्ष 2018 में चीनी की MSP की शुरुआत ने किसानों के गन्ना बकाया को काफी कम कर दिया है, जिसके तहत ₹1.14 लाख करोड़ का 99 फीसदी बकाया भुगतान कर दिया गया है।
एक्सपोर्ट पर भी हो रहा विचार
शुगर एक्सपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले साल के उत्पादन और चीनी की उपलब्धता को देखने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सचिवों की एक कमेटी चीनी की एमएसपी बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अभी यह फरवरी 2019 से 31 रुपये प्रति किग्रा पर स्थिर बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री को बेहतर मानसून के चलते शुगर वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) में बेहतर उत्पादन की संभावनाएं दिख रही हैं। इसके अलावा एथेनॉल की बात करें तो इसके भी दाम एथेनॉल सप्लाई ईयर (नवंबर-अक्टूबर) 2022-23 से बढ़ाए नहीं गए हैं। अभी के भाव की बात करें तो गन्ने के रस से निकाले गए एथेनॉल का भाव प्रति लीटर 65.61 रुपये, बी-ग्रेड के शीरे के एथेनॉल का भाव 60.73 रुपये प्रति लीटर और सी- ग्रेड के शीरे से बनाए एथेनॉल का भाव 56.28 रुपये प्रति लीटर है।
इंडस्ट्री की क्या है मांग?
ब्रोकरेज फर्म इनक्रेड इक्विटीज का कहना है कि अगर चीनी निर्यात की अनुमति दी भी जाती है, तो निर्यात पर सब्सिडी अब आने वाला नहीं है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक अभी चीनी के जो भाव हैं, वह निर्यात के लिए अनुकूल नहीं हैं। शुगर इंडस्ट्री को उम्मीद है कि चीनी की एमएसपी प्रति किग्री 40 रुपये से ऊपर तय की जाएगी, और अभी तो वे इसे 45 रुपये प्रति किग्रा पर फिक्स करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि अभी जो मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक माहौल है, उसमें MSP में बदलाव संभव नहीं दिख रहा है।
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