Sugar stocks : चीनी बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में 12 सितंबर को 3-7 फीसदी की गिरावट आई है। मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने निर्देश दिया है कि चीनी के कारोबारी और मिलों से जुड़े अधिकृत डीलर मई से अगस्त 2023 तक किए गए सभी लेनदेन के बारे में मंगलवार, 12 सितंबर तक सारी जानकारी जमा करें। CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आगामी त्योहारी सीज़न में सस्ती दरों पर चीनी की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए सरकार ये कवायद कर रही है।
सरकार ने त्योहारी सीजन में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए शुगर (कंट्रोल) ऑर्डर 1966 के क्लॉज 5 को लागू कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम का लक्ष्य उचित कीमत पर चीनी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसके लिए चीनी मिलों के अलावा व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी रिटल चेन जैसी संस्थाओं को बेचे गए चीनी स्टॉक की जानकारी मांगी गई है।
2-3 महीनों तक इसे कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रहने का अनुमान
बाजार जानकारों का मानना है कि भारत में चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं और अगले 2-3 महीनों तक इसे ऊंचे स्तर पर बने रहने का अनुमान है। जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के मुताबिक पिछले तीन हफ्तों में उत्पादन से जुड़ी परेशानियों के कारण देश में चीनी की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। इसके अतिरिक्त देश में चीनी को भंडार में भी गिरावट आई है। इसकी वजह से भी इसकी कीमतों में बढ़त हुई है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि आमतौर पर अक्टूबर के मध्य तक गन्ने की पेराई की सीजन शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार नवंबर के अंत तक पेराई सीजन शुरू होने की संभावना है। इसकी वजह से भी चीनी की कीमतें बढ़ी हैं।
कल शुगर शेयरों में आई थी जोरदार तेजी
बताते चलें की भारत द्वारा स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा के बाद सोमवार को चीनी शेयरों में जोरादार खरीदारी देखने को मिली थी। चीनी कंपनियों के शेयरों में इस उम्मीद से तेजी आई थी कि जैव ईंधन के लिए इस वैश्विक गठबंधन की ओर से सीरे (molasses) की मांग बढ़ेगी। सीरे का इस्तेमाल इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।
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