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Sun Pharma के लिए अमेरिका से आई आफत! शेयरों में आई 3% की भारी गिरावट

Sun Pharma Share Price: फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी सन फार्मा के शेयरों में आज बिकवाली का तगड़ा दबाव दिखा। इस बिकवाली की मुख्य वजह अमेरिका है, जहां के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट ने ही सन फार्मा पर दबाव बनाया, जानिए इसमें क्या है जो निवेशक धड़ाधड़ शेयरों की बिकवाली करने लगे?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Dec 18, 2025 पर 4:23 PM
Sun Pharma के लिए अमेरिका से आई आफत! शेयरों में आई 3% की भारी गिरावट
अमेरिकी की ड्रग रेगुलेटर एफडीए ने Sun Pharma के बास्का फैसिलिटी की 8-19 सितंबर तक जांच की थी। इस फैसिलिटी को अब एफडीए ने ओएआई में रखा है।

Sun Pharma Share Price: घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सेज सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) शुरुआती गिरावट के रिकवर होकर ग्रीन जोन में पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ फार्मा सेक्टर की दिगग्ज कंपनी सन फार्मा के शेयर ऐसे टूटे कि निचले स्तर पर खरीदारी के बावजूद यह संभल नहीं पाया। अमेरिकी दवा नियामक एफडीए ने इसकी अमेरिका के बास्का में स्थित फैसिलिटी को OAI (ऑफिशियल एक्शन इंडिकेटेड) कैटेगरी में रखा तो निवेशक घबरा उठे। इसके चलते सन फार्मा के शेयरों पर दबाव पड़ा। आज बीएसई पर यह 2.74% की गिरावट के साथ ₹1746.00 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 3.28% फिसलकर ₹1736.20 तक आ गया था।

Sun Pharma पर कितना होगा असर?

अमेरिकी की ड्रग रेगुलेटर एफडीए ने सन फार्मा के बास्का फैसिलिटी की 8-19 सितंबर तक जांच की थी। इस फैसिलिटी को अब एफडीए ने ओएआई में रखा है। सन फार्मा का कहना है कि फिलहाल इस फैसिलिटी से अमेरिकी बाजार के लिए अप्रूव्ड प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई लगातार जारी है। यह फैसिलिटी कंपनी के लिए कितनी अहम है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि एनालिस्ट्स के मुताबिक नए कॉम्प्लेक्स जेनेरिक्स को लेकर बास्का कंपनी के लिए काफी अहम है लेकिन ओएआई में जाने के बाद कंपनी के जेनेरिक बिजनेस से पॉजिटिव सरप्राइज की संभावना कम हो सकती है। हालांकि एनालिस्ट्स का यह भी कहना है कि ओएआई का मौजूदा अनुमानों पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि नए कॉम्प्लेक्स जेनेरिक्स को अभी अनुमानों में शामिल नहीं किया गया है।

सन फार्मा का कहना है कि अहम थेरेपीज और ब्रांड बिल्डिंग पर अधिक फोकस के चलते भारत में इसका कारोबार आगे भी बढ़ता रहेगा। ये बातें कंपनी के सीएफओ जयश्री सतगोपान ने पिछले महीने सीएनबीसी-टीवी18 से कही थी। उन्होंने कहा कि कंपनी कुछ थेरेपी और ब्रांड को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। इसके अलावा डॉक्टर्स और सेल्स की बढ़ती टीम से इसकी ग्रोथ को सपरोट् मिल रहा है। प्रोडक्ट-लेवल गाइडेंस को लेकर जयश्री ने कुछ कहा तो नहीं लेकिन यह जरूर कहा कि आरएंडडी पर खर्च कंपनी के टारगेट रेंज में रहेगा। उन्होंने कहा कि मार्जिन गाइडेंस के लोअर एंड पर रह सकता है जोकि सेल्स के करीब 6% तक रह सकता है। उन्होंने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल योजना के अनुसार ही आगे बढ़ रहे हैं।

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