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World Gold Council: भारत की सोने की मांग जनवरी-मार्च तिमाही में 15 प्रतिशत घटकर 118.1 टन

सनशाइन कैपिटल ने घर के मालिकों को सोलर एनर्जी अपनाने के लिए बढ़ावा देने के उद्देश्य से फ्लेक्सिबल लोन सॉल्यूशन शुरू करने की घोषणा की है। इसका मकसद एक्सेसेबल और फ्लेक्सिबल फाइनेंसिंग ऑप्शन के माध्यम से कंज्यूमर्स के लिए ग्रीन एनर्जी को अपनाना आसान बनाना है

अपडेटेड Apr 30, 2025 पर 2:50 PM
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Gold Trends: भारत में 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान सोने की मांग में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 118.1 टन रह गई।

Gold Trends: भारत में 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान सोने की मांग में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 118.1 टन रह गई। वहीं, कीमतों में जबरदस्त उछाल के कारण इस पीरियड में सोने का मूल्य 22 प्रतिशत बढ़कर 94,030 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 की शुरुआत से सोने की कीमतों में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू चुकी है। ऊंची कीमतों ने आम उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता को प्रभावित किया है और उनकी खरीदारी की आदतों में बदलाव लाया है।

आभूषणों की मांग में भारी गिरावट


WGC की रिपोर्ट बताती है कि जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के दौरान आभूषणों की मांग 25 प्रतिशत घटकर 71.4 टन रह गई, जबकि एक साल पहले इसी पीरियड में यह 95.5 टन थी। यह वर्ष 2020 के बाद से सबसे कम तिमाही मांग है। हालांकि, मूल्य के लिहाज से इसमें तीन प्रतिशत की बढ़त देखी गई।

निवेश मांग में तेजी

बावजूद इसके, निवेश से जुड़ी सोने की मांग में मजबूती बनी रही। जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में निवेश मांग सात प्रतिशत बढ़कर 46.7 टन रही, जो पिछले वर्ष इसी पीरियड में 43.6 टन थी।

अक्षय तृतीया से बाजार में उम्मीदें

WGC इंडिया के सीईओ सचिन जैन ने कहा कि ऊंची कीमतों के बावजूद, अक्षय तृतीया और आगामी शादी के सीजन जैसे पारंपरिक अवसर सोने की खरीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “सांस्कृतिक महत्व के कारण सोने की मांग में स्थायित्व बना हुआ है, भले ही कीमतें ऊंची हों।”

विशेषज्ञों के अनुसार, अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर ग्राहक भावनात्मक रूप से जुड़ाव के चलते सोने की खरीद को प्राथमिकता देते हैं, जिससे बाजार में सकारात्मक रुझान बना रहता है। हालांकि, कुछ उपभोक्ता उच्च कीमतों के कारण सतर्क रुख अपना सकते हैं।

जनवरी-मार्च तिमाही में भारत का सोने का आयात आठ प्रतिशत बढ़कर 167.4 टन हो गया, जबकि उच्च कीमतों के चलते उपभोक्ताओं द्वारा पुराने सोने को वापस बाजार में लाने की प्रवृत्ति में कमी देखी गई। इस कारण, पुनर्चक्रण 32 प्रतिशत घटकर 26 टन रह गया।

इस पीरियड में सोने की औसत कीमत 79,633.4 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जो 2024 की पहली तिमाही में 55,247.2 रुपये थी।

वैश्विक स्तर पर भी बढ़ी मांग

ग्लोबल लेवल पर जनवरी-मार्च 2025 में सोने की मांग एक प्रतिशत बढ़कर 1,206 टन हो गई, जो 2019 के बाद किसी पहली तिमाही में सबसे अधिक है।

WGC के अनुसार, वर्ष 2025 में भारत की कुल वार्षिक मांग 700 से 800 टन के बीच रहने की संभावना है।

 

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