Suzlon Energy Share Price: सुजलॉन एनर्जी के शेयर मंगलवार 1 अप्रैल को कारोबार के दौरान 2 फीसदी तक गिर गए। कंपनी ने हाल ही में अपने कई ऑर्डर कैंसिल होने और कम होने की जानकारी दी है। इसी के बाद इसके शेयरों में यह गिरावट आई। सुजलॉन एनर्जी ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया कि उसका ऑर्डर बुक फिलहाल 5,622 मेगावॉट (MW) पर पहुंच गया है, जो इससे पहले 28 जनवरी को 5,523 MW था। हालांकि, इस दौरान कंपनी ने अपने कुछ महत्वपूर्ण ऑर्डर के कैंसल होने या उनके साइज में कटौती की बात स्वीकारी।
कौन-कौन से ऑर्डर रद्द हुए या घटाए गए?
सुजलॉन एनर्जी ने बताया कि वाइब्रेंट एनर्जी से मिला 99 मेगावाट का ऑर्डर कैंसल हो गया है। वहीं O2 Power Private Limited (टेक ग्रीन पावर XI प्राइवेट लिमिटेड) ने अपने 201.6 MW के ऑर्डर का साइज घटाकर 100.8 MW कर दिया। एक दूसरे क्लाइंट ने 3 MW सीरीज के लिए 100.8 MW का ऑर्डर को आगे न बढ़ाने का विकल्प चुना है। ये ऑर्डर मूल रूप से मई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच मिले थे।
मार्केट एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजिन फाइनेंशियल सर्विसेज ने 24 मार्च को जारी एक एनालिसिस में सुजलॉन के ऑर्डर इनफ्लो को मजबूत बताया और भविष्य में C&I (कमर्शियल एंड इंडस्ट्रियल) पोर्टफोलियो में विस्तार की उम्मीद जताई।
ब्रोकरेज ने कहा, "WTG (विंड टर्बाइन जेनरेटर) डिलीवरी मजबूत बनी हुई है। लेकिन समिशन में देरी और भूमि से जुड़ी समस्याएं आने के चलते इंस्टॉलेशन की गति धीमी है। FY25 के पहले नौ महीनों के लिए इंस्टॉलेशन-टू-डिलीवरी अनुपात 0.25X है, जो सुस्त इंस्टॉलेशन को दिखा है। इसलिए हमने वित्त वर्ष 2026 और 2027 के लिए अनुमानित रेवेन्यू ग्रोथ को क्रमशः 10% और 21% घटा दिया है।"
हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद जियोजित को कंपनी के EBITDA मार्जिन में 70 बेसिस पॉइंट का सुधार होने की संभावना है। ब्रोकरेज ने कहा कि सुजलॉन के शुद्ध मुनाफे में FY25 से FY27 के दौरान 30% CAGR की बढ़ोतरी का अनुमान है। उसने सुजलॉन के शेयर के लिए 71 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।
Motilal Oswal की बुलिश राय
निकट अवधि की चुनौतियों के बावजूद, मोतीलाल ओसवाल लंबी अवधि में कंपनी के प्रदर्शन को लेकर पॉजिटिव बना हुआ है। ब्रोकरेज ने इस शेयर को 70 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ खरीदने की सलाह दी है, जो मौजूदा स्तर से इसमें 21.5 फीसदी तेजी की संभावना दिखाता है।
सरकार की नीतियों से Suzlon को होगा फायदा?
NITI Aayog ने मार्च 2024 में एक प्रस्ताव रखा, जिसमें विंड टर्बाइन के प्रमुख घटकों (नैसेल, ब्लेड, टॉवर और कंट्रोलर) को भारत में निर्मित करने की शर्त जोड़ी गई है। अगर यह नीति लागू होती है, तो इससे सुजलॉन एनर्जी जैसी भारतीय कंपनियों को खासतौर से फायदा होगा।
भारत का लक्ष्य 2030 तक विंड एनर्जी क्षमता को 100 GW तक ले जाना है, जो दिसंबर 2024 में 48 GW थी। Motilal Oswal का मानना है कि Suzlon अपनी EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) और O&M (ऑपरेशन और मेंटेनेंस) सेवाओं के जरिए इसका पूरा लाभ उठा सकता है।
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