Suzlon Energy Share Price: विंड टर्बाईन बनाने वाली दिग्गज कंपनी सुजलॉन एनर्जी के शेयर कुछ ही दिनों पहले एक साल के हाई से करीब 46 फीसदी नीचे आ गए थे। हालांकि इस निचले स्तर से यह काफी हद तक रिकवर हो चुका है और अब इसकी तेजी पर घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल की मुहर भी लग चुकी है। ब्रोकरेज फर्म ने इसकी कवरेज शुरू की है और देश के विंड एनर्जी सेक्टर में दांव के लिए इसे शानदार स्टॉक बताया है। एक कारोबारी दिन पहले 24 मार्च को बीएसई पर यह 2.53 फीसदी की बढ़त के साथ 57.92 रुपये के भाव पर बंद हुआ था।
Suzlon Energy के लिए क्या है टारगेट प्राइस?
मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि देश के रिन्यूएबल मिक्स में विंड एनर्जी की करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी हो सकती है। अमेरिका और जर्मनी में यह आंकड़ा 39 फीसदी, चीन में 33 फीसदी और यूके में 42 फीसदी है। ऐसे में ब्रोकरेज का मानना है कि विंड एनर्जी में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है। सुजलॉन की बात करें तो इसकी इंस्टाल्ड कैपेसिटी 15 गीगावाट से अधिक है जबकि इसके कॉम्पटीटर्स की बात करें तो सीमेन्स गमेसा की कैपेसिटी 8.9 GW, वेस्टास की 3.4 GW और आईनॉक्स की 3.1 GW ही है। ऐसे में मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि सुजलॉन इस कॉम्पटीशन में काफी आगे है और रेनम एनर्जी सर्विसेज के अधिग्रहण से इसकी क्षमता और मजबूत हुई है।
सुजलॉन ने इस वित्त वर्ष 2025 में विंड एनर्जी इंस्टॉलेशन के 4 गीगावाट, अगले वित्त वर्ष 2026 में 6 गीगावाट और फिर वित्त वर्ष 2027 से सालाना 7-8 गीगावाट पहुंचने का अनुमान लगाया है। अब वित्त वर्ष 2027 में 8 गीगावाट के विंड इंस्टालेशन का अनुमान लगाते हुए ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि सुजलॉन का ऑर्डर बुक एग्जीक्यूशन उस साल 3.2 गीगावाट पहुंच सकता है। ब्रोकरेज को यह भी उम्मीद है कि सुजलॉन के विंड टर्बाईन जेनेरेशन का ग्रॉस मार्जिन वित्त वर्ष 2024 में 19.5 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 22 फीसदी पर पहुंच सकता है। मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-27 के बीच इसका रेवेन्यू सालाना 51 फीसदी, ईबीआईटीडीए 52 फीसदी और एडजस्टेड नेट प्रॉफिट 63 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ सकता है।
ब्रोकरेज का कहना है कि वित्त वर्ष 2027 की पहली छमाही तक टैक्स देनदारी नहीं होने के चलते कैश फ्लो सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। इस दौरान नेट कैश पोजिशन भी बढ़ सकता है क्योंकि नियर टर्म में कैपेक्स की जरूरत सीमित है। ऑर्डरबुक एग्जीक्यूशन भी ऑपरेटिंग कैश फ्लो बढ़ाएगा। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इसे 70 रुपये के टारगेट प्राइस पर खरीदने की सलाह दी है। हालांकि रिस्क की बात करें तो चीन और यूरोपीय कंपनियों से बढ़ते कॉम्पटीशन, तकनीकी बदलाव, प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी और ओवरहेड कॉस्ट्स के चलते इसे झटका लगा सकता है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों ने पिछले साल छह ही महीने में फटाफट 135 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया था यानी कि आधे साल में ही निवेशकों का पैसा दोगुना से अधिक बढ़ गया था। पिछले साल 22 मार्च 2024 को यह 36.55 रुपये पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस निचले स्तर से छह ही महीने में यह 135 फीसदी से अधिक उछलकर 12 सितंबर 2024 को 86.04 रुपये पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। हालांकि शेयरों की तेजी यहीं थम गई और फिलहाल इस रिकॉर्ड हाई से यह 32 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है।
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