Suzlon Energy Shares: सुजलॉन एनर्जी के शेयर एक बार फिर से दबाव में है। बुधवार 27 सितंबर को कंपनी का शेयर करीब 3.5% गिरकर खुला। हुआ यह कि सुजलॉन एनर्जी के बड़े शेयरधारकों में से एक दिलीप सांघवी (Dilip Sanghavi) ने कंपनी के साथ अपना शेयरहोल्डिंग एग्रीमेंट तोड़ दिया है। दिलीप सांघवी सन फार्मा के मालिक है और उन्होंने 2015 में सुजलॉन एनर्जी में करीब 1,800 करोड़ रुपये लगाकर इस कंपनी को एक तरह से डूबने से बचाया था। अब इन्हीं दिलीप सांघवी ने कंपनी के साथ अपना शेयरहोल्डिंग एग्रीमेंट खत्म किया है। वह भी ऐसे समय में जब पिछले 6 महीने में सुजलॉन एनर्जी का शेयर करीब 250% भागा है। इस साल मार्च में सुजलॉन एनर्जी का एक शेयर 7 रुपये में मिल रहा था, जो अब बढ़कर 24 रुपये 60 पैसे पर पहुंच गए। दिलीप सांघवी की खबर सुजलॉन एनर्जी के लिए कितना बड़ा झटका हो सकती है और ब्रोकरेज इस शेयर में किस भाव पर खरीदने या बेचने की सलाह दे रहे हैं, आइए इसे जानते हैं।
एग्रीमेंट कैंसल किया, लेकिन हिस्सेदारी बनाए रखेंगे दिलीप सांघवी?
दिलीप सांघवी और उनके एसोसिएट्स ने सुजलॉन एनर्जी के साथ पहली बार 2015 में शेयरहोल्डिंग एग्रीमेंट किया था, जब उन्होंने इस कंपनी में 1,800 करोड़ रुपये लगाए थे। फिर फरवरी 2022 में उन्होंने इस एग्रीमेंट को रिवाइज किया था। अब दिलीप सांघवी ने इस एग्रीमेंट को कैंसल कर दिया है, लेकिन खास बात यह है कि वो कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को आगे भी बनाए रखेंगे। अभी उनके पास सुजलॉन एनर्जी की करीब 12.72 फीसदी हिस्सेदारी है।
दिलीप सांघवी अपनी हिस्सेदारी क्यों नहीं बेच रहे, अपने बयान में उन्होंने इस बात को साफ किया है। दिलीप सांघवी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार ने शुद्ध रुप से जीरो-कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने में विंड एनर्जी की काफी बड़ी भूमिका होगी। विंड एनर्जी के लिए विंड टर्बाइन की जरूरत होती है, जिसे बनाने में सुजलॉन एनर्जी सबसे आगे हैं। ऐसे में वह कंपनी के भविष्य को लेकर उत्साहित और इसमें अपना निवेश बनाए रखेंगे।"
सुजलॉन एनर्जी ने भी इस बारे में बयान जारी किया है और कहा कि दिलीप सांघवी और उनके एसोसिसएट्स की ओर से उठाए कदम का कंपनी के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सुजलॉन एनर्जी के स्टॉक पर क्या पड़ेगा असर?
इंडिपेंडेंट एनालिस्ट रवि सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में सुजलॉन एनर्जी के शेयर नीचे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक यह मामला ठंडा नहीं पड़ जाता, तबतक निवेशकों को इस स्टॉक से दूर रहना चाहिए। GCL Broking के रिसर्च एनालिस्ट वैभव सिंह का भी यही मानना है। उन्होंने कहा कि किसी बड़े निवेशक के उठाए कदम से अक्सर शॉर्ट-टर्म में उस शेयर पर पड़ता है।
लंबी अवधि के लिए अधिकतर एनालिस्ट बुलिश
हालांकि लंबी अवधि के हिसाब से अभी भी अधिकतर एक्सपर्ट्स सुजलॉन एनर्जी के शेयर को लेकर बुलिश हैं। उन्होंने कहा कि दिलीप सांघवी मामले के बावजूद अभी भी कई ऐसे फैक्टर्स हैं, जो सुजलॉन एनर्जी के पक्ष में हैं। जैसे कंपनी करीब 15 सालों के बाद शुद्ध रूप से कर्ज मुक्त हुई है। दिग्गज निवेशक मुकुल अग्रवाल ने इसमें हाल ही में हिस्सेदारी ली और इसके अलावा म्यूचुअल फंड्स ने कंपनी के 50 करोड़ से अधिक के शेयर खरीदे हैं। इस सब चीजों ने निवेशकों को नए सिरे से सुजलॉन एनर्जी के स्टॉक को लेकर सोचने को मजबूर किया है।
सुजलॉन एनर्जी की मिली 'Buy' रेटिंग
यहां तक कि कई ब्रोकरेज फर्मों ने इस स्टॉक को Buy रेटिंग के साथ कवर करना भी शुरू किया है। साथ ही रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक दिन पहले पॉजिटव आउटलुक के साथ इसकी रेटिंग भी बढ़ाई है। JM Financial ने सुजलॉन एनर्जी के शेयर को 30 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ बाय रेटिंग दी है। वहीं ब्रोकरेज फर्म पूर्णार्थ इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स ने इस शेयर को बिना कोई टारगेट प्राइस दिए Buy रेटिंग के साथ कवर करना शुरू किया है। ब्रोकरेज ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सुजलॉन अगले 2-3 सालों में 3 गीगावॉट तक की अतिरिक्त क्षमता जोड़ेगी, जिससे इसका रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ दोनों बेहतर होगा।
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