Swiggy Shares: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के शेयरों में बिकवाली का इतना तेज झोंका आया कि यह 7 फीसदी से अधिक फिसल गया। बिकवाली का यह दबाव शेयरहोल्डर के लॉक-इन पीरियड खत्म होने के चलते आया है। आज बीएसई पर यह 3.14 फीसदी की गिरावट के साथ 310.45 रुपये के भाव (Swiggy Share Price) पर बंद हुआ है यानी कि निचले स्तर पर खरीदारी से भी यह अधिक संभल नहीं पाया है। इंट्रा-डे में यह 7.33 फीसदी फिसलकर 297.00 रुपये के भाव तक आ गया था जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड निचला स्तर है।
Swiggy के कितने शेयरों का लॉक-इन खत्म?
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के मुताबिक स्विगी के करीब 189.8 करोड़ शेयरों का छह महीने और एक्सेंटेड शेयरहोल्डर लॉक-इन खत्म हुआ है यानी कि अब इनका लेन-देन हो सकेगा। यह स्विगी की टोटल आउटस्टैंडिंग इक्विटी का करीब 85 फीसदी है। और इसकी वैल्यू करीब 73.8 करोड़ डॉलर है। हालांकि ध्यान दें कि लॉक-इन पीरियड खत्म होने का मतलब इन शेयरों की बिकवाली से नहीं है बल्कि ये है कि अगर शेयरहोल्डर चाहें तो इन्हें बेच सकते हैं।
मार्च तिमाही में सालाना आधार पर स्विगी का घाटा लगभग दोगुना बढ़कर ₹554.8 करोड़ से ₹1,081.2 करोड़ पर पहुंच गया लेकिन इस दौरान कंसालिडेटेड रेवेन्यू 44.8% उछलकर ₹4,410 करोड़ पर पहुंच गया। प्लेटफॉर्म ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू भी 40% बढ़कर ₹12,888 करोड़ पर पहुंच गया। कॉम्पटीटर एटर्नल (पूर्व नाम Zomato) की तुलना में इसके ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू की ग्रोथ अधिक बेहतर रही और मार्जिन में भी सुधार हुआ है। ऐसे में स्विगी को कवर करने वाले अधिकतर एनालिस्ट्स ने इसे खरीदारी की रेटिंग दी है। शेयरों की बात करें तो पिछले साल 23 दिसंबर 2024 को यह ₹617.00 के रिकॉर्ड हाई और आज 13 मई 2025 को यह रिकॉर्ड निचले स्तर ₹297.00 पर था। इसका शेयर आईपीओ निवेशकों को ₹390 के भाव में जारी हुआ था और घरेलू मार्केट में 13 नवंबर 2024 को लिस्ट हुआ था।
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