06 जून यानी आज आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की 3 दिनों की बैठक शुरु होने के साथ ही निवेशक सर्तक नजर आए। इसके अलावा एशियाई बाजारों से आने वाले मिले जुले संकेतों, कच्चे तेल की कीमतों और कोविड के मामलों में बढ़त ने भी आज दबाव बनाया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 93.91 अंक यानी 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 55,675.32 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 14.75 अंक यानी 0.09 फीसदी टूटकर 16,569.55 के स्तर पर बंद हुआ।
Geojit Financial Services के विनोद नायर का कहना है कि घरेलू बाजारों की चाल आज ग्लोबल बाजारों की तरह ही रही। बाजार खुलने के बाद धीरे -धीरे रिकवर हुआ। लेकिन कारोबार के अंत में यह लाल निशान में बंद हुआ। उन्होंने आगे कहा कि सउदी अरब की तरफ से कीमतों में बढ़ोतरी के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आई जिससे दुनियाभर में महंगाई का दबाव बढ़ता नजर आया। इसी बीच अमेरिका के उम्मीद से बेहतर जॉब आंकड़ों के चलते यह चिंता भी बढ़ती नजर आई कि यूएस फेड ज्यादा तेजी से अपने दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।
बाजार जानकारों का कहना है कि आगे हमें घरेलू और ग्लोबल दोनों बाजारों में वोलैटिलिटी जारी रहती नजर आ सकती है। बाजार की नजर 08 जून को आनेवाले आरबीआई एमपीसी के फैसलों पर है। इसके अगले दिन यानी 09 तारीख को ECB की मीटिंग होने वाली है। उसके बाद 10 जून को अमेरिकी महंगाई के आंकड़े आएंगे जिनपर बाजार की नजर रहेगी।
कल कैसी रह सकती है बाजार की चाल
Kotak Securities Ltd के श्रीकांत चौहान का कहना है कि क्रेडिट पॉलिसी के ऐलान के पहले बाजार सर्तक नजर आ रहा है। ऐसे में निवेशक रियल्टी जैसे ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों से निकलते नजर आ रहे हैं। टेक्निकल नजरिए से देखें तो निफ्टी को 16450 के करीब सपोर्ट मिलता नजर आया लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सका। मार्केट चार्ट से संकेत मिलता है कि नियर फ्यूचर में बाजार एक सीमित दायरे में बंधा नजर आएगा।
डे ट्रेडरों के लिए 16500 का स्तर काफी अहम है। इस पर नजर रहनी चाहिए। अगर निफ्टी इसके ऊपर मूव करता है तो 16650-16750 का स्तर देखने को मिल सकता है। वहीं अगर निफ्टी इसके नीचे फिसलता है तो यह हमें 16,400-16,350 के आसपास जाता नजर आ सकता है।
Religare Broking के अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार में आज सुस्ती रही और मिलेजुले ग्लोबल संकेतों के बीच यह लगभग सपाट बंद हुआ। ग्लोबल मार्केट की अनिश्चितता और MPC मीट के पहले की सतर्कता बाजार पर अपना असर दिखा रही है। इंडेक्स में आगे हमें कंसोलीडेशन के संकेत नजर आ रहे हैं। ऐसे में हमें अच्छे सेक्टर और स्टॉक चुनकर BUY और SELLदोनों तरफ के सौदा पर दांव लगाना चाहिए।
Mehta Equities के प्रशांत तापसे का कहना है कि अधिकांश मोमेंटम स्टॉक आज निगेटिव रुझान के साथ काम करते नजर आए। एफआईआई की बिकवाली के बीच बाजार में निराशा का माहौल है। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से भी मार्केट सेंटीमेंट खराब हुआ है। अगले 2 कारोबारी सत्रों में निफ्टी में दिशाहीनता देखने को मिल सकती है। बाजार की नजर 8 जून को आने वाले आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी पर होगी। टेक्निकल नजरिए से देखें तो 2 दिन के कंसोलिडेशन के बाद निफ्टी में अभी और कमजोरी की संभावना नजर आ रही है और यह 16,371 की तरफ जा सकता है। वहीं अगर निफ्टी इस लेवल पर टिके रहता है और इसके ऊपर जाने में सफल रहता है तो निफ्टी में हमें तेजी आती नजर आ सकती है और इसी हफ्ते निफ्टी हमें 16,897-17,250 का स्तर छूता नजर आ सकता है।
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